धर्म: वर्ष 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को साल को होगा| यह खंडग्रास सूर्यग्रहण भारत, पाकिस्तान, चीन व खाड़ी देशों सहित दुनिया के अन्य भागों में देखा जा सकेगा। भारत में ग्रहण के दिखाई देने के कारण सूतक माना जाएगा। शास्त्रीय विधान के अनुसार सूर्यग्रहण के स्पर्श के 12 घंटे पहले सूतक लग जाएगा। पंचांगों के अनुसार भारतीय समयानुसार गुरुवार को ग्रहण का स्पर्श प्रात: 8.17 बजे होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि दो घंटा चालीस मिनट है। इस लिहाज से ग्रहण का मोक्ष पूर्वाह्न 10.57 बजे होगा।
सूतककाल शुरू होने के साथ ही मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे, जो दूसरे दिन यानी गुरुवार की शाम को खुलेंगे। उज्जयिनी पंचांग के अनुसार ग्रहण का पर्व काल 2 घंटे 49 मिनट रहेगा। ग्रहण का स्पर्श गुरुवार सुबह 8.09 बजे होगा। जबकि मोक्ष सुबह 10.58 बजे होगा। सूतक को शुभ कार्यों के लिए बेहतर नहीं माना जाता। इसलिए इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और पूजा-अर्चना नहीं होगी। बृहस्पतिवार सुबह सूतक हटने के बाद शुद्धिकरण और अन्य विधि विधान से मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे।
बंद रहेंगे मंदिरों के पट
जानकारों के अनुसार सूतककाल में जातकों को आराध्य की आराधना करना चाहिए। साथ ही मंत्र सिद्धि भी की जा सकती है। गुरुवार को पड़ रहे सूर्य ग्रहण का अन्य देशों समेत भारत में भी व्यापक असर रहेगा। ग्रहण का पर्व काल 2 घंटे 49 मिनट रहेगा। ग्रहण के कारण बुधवार शाम 7.30 बजे से मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। ग्रहण समाप्ति के बाद गुरुवार शाम को पट खुलेंगे। इसके चलते अधिकांश मंदिरों में रोजाना रात में होने वाली आरती बुधवार की शाम को ही हो जाएगी।
राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
सूर्यग्रहण का सभी राशियों के जातकों पर प्रभाव पड़ेगा। खंडग्रास सूर्यग्रहण कर्क, तुला, कुंभ, मीन के लिए शुभ फलकारक परिणाम लाएगा। अन्य जातकों के लिए यह मिला जुला रह सकता है। सूर्यग्रहण का किसी भी राशि के जातक पर विपरीत प्रभाव पड़ने का अनुमान नहीं है।