सोने-जागने की उलटी आदत बना रही है आपको बेरोजगार? जानिए प्रेमानंद जी की टॉप सलाह

अगर आपकी दिनचर्या बिगड़ रही है और बेरोजगारी के कारण रातभर जागने की आदत बन रही है, तो यह भविष्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। प्रेमानंद जी महाराज ने बताया है कि कैसे सही दिनचर्या अपनाकर आप अपनी जिंदगी को पटरी पर ला सकते हैं।

आजकल के माता-पिता अपने बेरोज़गार बच्चों की आदतों को लेकर काफ़ी परेशान रहते हैं। आलस, बिगड़ी दिनचर्या और समय की बर्बादी उनकी सबसे बड़ी चिंता बन जाती है। इस बारे में प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि जीवन में आध्यात्मिक और भजन क्यों ज़रूरी। उनका कहना है कि अगर कोई व्यक्ति दिन में सिर्फ़ कुछ समय भी भगवान का नाम जपे, तो उसके जीवन में कई बदलाव आ सकते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं, की सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए, ख़ासकर सुबह 4 बजे। इस समय भगवान को याद करने से मन शांत रहता है, और दिन भर ऊर्जा बनी रहती है। इसके अलावा, बुरी संगत और ग़लत विचारों से भी बचाव होता है। वे कहते हैं कि जो लोग रात भर जागते हैं, और दिन भर सोते हैं, वे ख़ुद बेरोज़गारी को बुलावा देते हैं।

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क्या गलत दिनचर्या से जीवन में रुकावटें आती हैं? (Premanand Ji Maharaj)

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि कुछ लोगों की दिनचर्या इतनी ज़्यादा गड़बड़ होती है कि वे लोग सुबह 5 बजे सोते हैं और शाम 7 बजे उठते हैं, यानी उनकी दिन की शाम के 7 बजे से होती है और कि वे रात भर जागते रहते हैं। वे कहते हैं कि आपको मनुष्य जीवन मिला है, इसे सोकर गंवाने से आप ख़ुद का बहुत बड़ा नुक़सान कर रहे हैं। वे कहते हैं कि जब दिन भर निकल चुका है तो रात में इंसान क्या करेगा, रात में नशा करेगा, ग़लत काम करेगा या फिर नकारात्मक सोचेगा।

क्या ईश्वर की भक्ति से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है?

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि सबसे पहले इस बात के लिए ख़ुद को सौभाग्यशाली मानना चाहिए कि उसे मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ है। अगर हमें मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ है तो हमें इसका फ़ायदा उठाना चाहिए, और अच्छे काम करने चाहिए। अध्यात्म के बिना मनुष्य जीवन अधूरा है, आपको ईश्वर से जुड़ने के लिए ज़्यादा समय नहीं देना है सिर्फ़ दिन भर में अगर आप 10 मिनट भी ईश्वर की भक्ति के लिए निकालेंगे, तो आपके अंदर अपने आप सकारात्मक उर्जा आने लगेगी।

सुबह देर से उठने की आदत लाती है बेरोजगारी?

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि अगर व्यक्ति जीवन में कुछ करना चाहता है, बेरोज़गार नहीं रहना चाहता है, तो सबसे पहले ख़ुद की दिनचर्या को बदलना ज़रूरी है। इतना ही नहीं वे कहते हैं कि जो भी व्यक्ति सुबह लेट उठता है , उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।

दिन भर किसी काम में मन नहीं लगता है, मन चिड़चिड़ा रहता है, ऐसे में पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। प्रेमानंद जी कहते हैं कि आज कल यह बिगड़ी दिनचर्या न सिर्फ़ युवाओं में बल्कि बच्चों में भी देखने को मिल रही है, बच्चे वे वजह रात में देर तक जागते रहते हैं, और सुबह लेट उठते हैं, माता पिता को अपने बच्चों के इस व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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