धर्म डेस्क रिपोर्ट। आज सावन (Sawan) का तीसरा सोमवार (Sawan Somvar) है और ऐसे में आज देशभर के सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। उज्जैन के महाकाल में आज सुबह से ही कई हजार भक्तों ने दर्शन कर लिए है तो वहीं खंडवा के ओंकारेश्वर में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही हैं।
आपको बता दे, आज सावन के तीसरे सोमवार के दिन एक उत्तम योग बना हुआ है। दरअसल, आज भगवान शिव के साथ गणेश जी की भी पूजा हो रही है क्योंकि आज सावन महा के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इस चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) व्रत भी कहा जाता हैं। आज के दिन रवि योग बन रहा है।
आज के दिन भक्त भोलेनाथ की उपासना करने के साथ साथ गणेश जी कि भी उपासना करते हैं। साथ ही इस दिन व्रत रखने का विधान है। कहा जाता है इस दिन सच्चे मन से व्रत रखा जाए तो भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं इस दिन विधि विधान के साथ भोलेनाथ और गणेश जी की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं और भक्तों की झोली में खुशियां आती हैं।
विदेशी मुद्राओं से किया बाबा भोलेनाथ का श्रृंगाल –
आपको बता दे, रविवार के दिन हरियाली तीज का त्यौहार मनाया गया। वहीं आज सावन के तीसरे सोमवार के दिन राजधानी भोपाल में गिन्नौरी बगिया तलैया स्थिति संकट हरण देव महादेव मंदिर में राठौर संघ की महिलाओं द्वारा विदेशी मुद्राओं से बाबा भोलेनाथ का श्रृंगाल किया गया। इस दौरान भोलेनाथ को 100 देशों की मुद्राओं से सजाया गया जिसकी तस्वीरें सामने आई है।
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बताया जा रहा है कि महिलाओं ने 100 देशों की मुद्रा जमा की थी। इसमें अमेरिकन, ओमान, यमन, मलेशिया, सिंगापुर, नेपाल आदि की मुद्राएं है जिससे शिवजी का श्रृंगार किया गया। इसको लेकर राठौर संघ के अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि 100 देशों की विदेशी मुद्रा करीबन पांच लाख की हैं। उन्होंने बताया कि इन मुद्राओं को बाबा के चरणों में अर्पित कर उनका श्रृंगार किया गया।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी विदेशी मुद्राओं से बाबा का श्रृंगार किया जा चुका है। दरअसल, संघ के सदस्यों ने ये सभी विदेशी मुद्राएं जमा कर के रखी थी। जिसके बाद इससे संघ के सदस्यों द्वारा मिल कर श्रृंगार किया गया। हर साल राठौर संघ शिवजी का अनोखा श्रृंगार करता हैं। इसके लिए पहले संघ के पदाधिकारी पैसे जमा करते हैं।
उसके बाद भोलेनाथ का श्रृंगार किया जाता है। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि ऐसे में जिसकी जितनी भी मुद्राएं होती हैं उसे वापस भी कर दिया जाता हैं। बता दे, रविवार के दिन तीज का त्यौहार था ऐसे में सभी सुहागन महिलाओं ने भोलेनाथ और पार्वती जी की पूजा की साथ ही उनसे मनोकामनाएं भी की। वहीं कुंवारी लड़कियों ने भी इस दिन व्रत और पूजा कर मनचाह वर प्राप्ति की प्रार्थना की। तीज का व्रत पति की लंबी उम्र और मनचाह वर प्राप्ति के लिए किया जाता हैं।