धर्म, डेस्क रिपोर्ट। अगले महीने साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह 25 अक्टूबर 2022 (Solar Eclipse 2022) को लगेगा और आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो दक्षिण और पश्चिमी यूरोप व दक्षिण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका समेत कुछ हिस्से में नजर आएगा। भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। इस ग्रहण के लगने का समय 4 घंटे 3 मिनट माना जा रहा है, भारत में नजर ना आने के चलते इस ग्रहण का सूतक काल (Sutak) नहीं लगेगा।
खास बात ये है कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दीवाली के अगले दिन ही लगेगा।पंचांग के अनुसार दीवाली हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है, इस बार कार्तिक अमावस्या की तिथि 24 अक्टूबर 2022 को शाम 5:29:35 से शुरू होगी और ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगेगा। हालांकि इसका प्रभाव दीपावली और गोवर्धन पूजा पर नहीं पड़ेगा और ये दोनों ही त्योहार मनाए जा सकेंगे। आप दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा भी कर सकेंगे। भारतीय समयानुसार 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और 5 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा।
इन राशियों पर पड़ेगा असर?
- वैसे तो यह ग्रहण आंशिक होगा लेकिन ज्योतिष के अनुसार इस दिन कुछ राशियों (Zodiac Signs) जैसे तुला, मिथुन और कन्या राशि पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव पड़ सकता है। तुला राशि पर इस सूर्य ग्रहण के आसपास के समय में ही शनि ढैय्या रहेगी। इस राशि के जातकों के लिए काफी कष्टकारी साबित हो सकता है। मिथुन राशि के लोगों को ज्यातिषनुसार विशेष तौर पर सलाह है कि ये अपने बजट और खर्चों पर खासतौर से ध्यान दें।
- कन्या राशि (Virgo) के जातकों को ज्योतिषनुसार आर्थिक कठिनाइयां झेलनी पड़ सकती है, ऐसे में निवेश पर ध्यान देने की आवश्यक्ता है।वृषभ राशि वालों के स्वास्थ्य पर असर हो सकता है, इस दौरान खानपान को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। किसी बात को लेकर चिंता भी सता सकती है।
- वृश्चिक राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेंगा और धन हानि की संभावना है। खर्चों को कंट्रोल करने के साथ इन्वेस्टमेंट भी आपको हानि मिल सकती है। इस दौरान कहीं भी पैसा निवेश न करें। मकर राशि के जातकों की सेहत पर सबसे अधिक देखने को मिलेगा, बीमार रह सकते हैं। आपको सलाह है कि अपना धैर्य बनाए रखें।
इन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान
- ज्योतिषीय के अनुसार, सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए।
- सूतक काल लगते ही तुलसी या कुश मिश्रित जल को खाने-पीने की चीजों में रखना चाहिए।
- गर्भवतियों को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए। सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते।
- घर में भी मंदिर को कपड़े से कवर कर देना चाहिए। इस दौरान कोई पूजा पाठ नहीं किया जाता है।
- ग्रहण समाप्ति के बाद देवी-देवताओं को स्नान कराकर मंदिर फिर से खोले जाते हैं।
- ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
- ग्रहण (Solar) को खुली आंखों से न देखें। ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है। लागू करने से पहले एक बार अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से चर्चा कर लें)