महाष्टमी पर 100 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, इन 4 राशियों को होगा लाभ, खुलेगा बंद किस्मत का ताला, मिलेगा माँ दुर्गा का आशीर्वाद

Manisha Kumari Pandey
Published on -
Mahashtami 2023

Mahashtami Sanyog 2023: 22 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) की महाष्टमी है। इस दिन माता के 8वें अवरूप माँ महागौरी की अराधना की जाएगी। कई लोग इस दिन कन्या पूजन भी करते हैं। देश भर में इसका उत्साह देखा जा सकता है। लेकिन इस बार की महाष्टमी की तिथि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बेहद शुभ है। इस दिन सवार्थ सिद्धि और रवि योग बन रहे हैं। वहीं शनि कुम्भ राशि हैं, जिससे शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। कहा जा रहा है कि ऐसा संयोग करीब 100 वर्षों के बाद बन रहा है। जिसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। लेकिन चार राशियों के लिए यह सबसे ज्यादा लाभकारी माना जा रहा। जातकों पर माँ दुर्गा की विशेष कृपा बरसेगी। जीवन में सुख-समृद्धि और धन का लाभ होगा। आइए जानें इस साल महाष्टमी पर किन-किन राशियों के लिए भाग्य के द्वार खुलेंगे-

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए 22 अक्टूबर का दिन शुभ होगा। इस दुर्लभ संयोग के कारण आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। परिवार में खुशहाली आएगी। कार्यक्षेत्र में प्रशंसा होगी, सहकर्मियों का साथ मिलेगा। प्रोमोशन हो सकता है।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को महाष्टमी के दिन लाभ होगा। करियर में या रही बाधायें दूर होगी। वैवाहिक जीवन सुखमय होगा। नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे। आय में वृद्धि हो सकती है। कारोबारियों के लिए यह समय अनुकूल होगा।

मीन राशि

इस दुर्गाष्टमी पर मीन राशि के जातकों पर भी माँ दुर्गा की विशेष कृपा बरसेगी। अचानक से धन प्राप्त हो सकता है। कारोबार में लाभ होगा। नौकरीपेशा लोगों को अच्छी खबर मिल सकती है।

कर्क राशि

कर्क राशि के लिए भी महाष्टमी का दिन अनुकूल होगा। कारोबार से संबंधित यात्रा के योग बन रहे हैं। अटका हुआ धन मिलेगा। निवेश से लाभ हो सकता है। माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News