Somvati Amavasya 2023: शास्त्रों में सोमवती अमावस्या का बहुत महत्व बताया गया है, मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से की गई पूजा अर्चना, धार्मिक कार्य अनंत पुण्य फल देने वाले होते हैं, इस दिन की गई पूजा और विशेष धार्मिक कार्यों से हमारे पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं जिससे जीवन खुशहाल रहता है, लेकिन शास्त्र के जानकार इस दिन कुछ गलतियां नहीं करने की भी चेतावनी देते हैं , आइये यहाँ जानते हैं सोमवती अमावस्या पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ….
सोमवार को अमावस्या होने के कारण ही इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पंचांग के अनुसार इस वर्ष यानि साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी 2023 (Somvati Amavasya 20 February 2023) को है। इस दिन सोमवार है और फाल्गुन माह की अमावस्या है।
सोमवती अमावस्या का महत्व
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पितर (पितृ) पृथ्वी पर आते हैं इसलिए इसे पितरों की तिथि माना गया है, पृथ्वी पर विचरण के दौरान पितृ अपने परिजनों तथा वंशजों द्वारा दिए गए पिंडदान, तर्पण आदि को ग्रहण करते हैं। इससे उन्हें भोजन प्राप्त होता है और संतुष्ट होते हैं फिर आशीर्वाद देकर अपने लोक चले जाते हैं। इससे जन्मकुंडली तथा घर के पितृ दोष भी शांत होते हैं। इस दिन अमावस्या के उपाय करने से प्रेत बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है।
सोमवती अमावस्या के उपाय
इस दिन पितरों की शांति के लिए पिंडदान, श्राद्ध तथा तर्पण आदि कार्य करने चाहिए। आप अपने पूर्वजों की आत्मा की प्रसन्नता के लिए किसी गरीब भिखारी, गाय अथवा साधु को भोजन कराना चाहिए। इस दिन गीता पाठ का भी विशेष महत्व बताया गया है। संभव हो तो पीपल के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए, पीपल को पितरों का वृक्ष माना जाता है। पीपल पर जल अर्पित करें तथा देसी घी का दीपक जलाएं। इससे घर में खुशहाली आती है।
सोमवती अमावस्या पर भूलकर ना करें यह काम
- धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन गाय, कौआ और कुत्ते को पितरों के भोजन से कुछ अंश निकाल कर देने से ये उनतक पहुँचता है और उन्हें संतुष्ट करता है , इसलिए इस दिन भूलकर भी कुत्ते और गाय को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए वरना पितरों का कोपआप पर बरसता है और आप पितृदोष के भागीदार बनते हैं।
- सोमवती अमावस्या को पितरों के लिए विशेष दिन माना जाता है इस दिन पितरों को अपने वंश से पिंडदान, श्राद्ध और दान जैसे चीजों की प्रतीक्षा रहती है यदि उन्हें यह नहीं मिलता तो उनका क्रोध आप पर बरसता है और जीवन से सुख-शांति गायब हो जाती है, धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पिंडदान न करने से पितर दुखी होते हैं, इसलिए पितरों की नाराजगी से बचना चाहिए।
- सोमवती अमावस्या के सात्विक रहना और ब्रह्मचर्य का पालन करना श्रेष्ठ माना जाता है, इस दिन मांस, मछली और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलती है जो आपके तरक्की में बाधा पैदा करती है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, इसलिए अपने विवेक से निर्णय लीजियेगा या किसी सही जानकार की सलाह लीजिये ।