Rankini Temple History : देश भर में ऐसे कई सारे मंदिर है जिनकी मान्यता काफी ज्यादा है। उन मंदिरों में कई चमत्कारी मंदिर भी शामिल है, जहां का चमत्कार देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह जाती है। आज हम आपको हिंदू धर्म का एक ऐसा ही चमत्कारी मंदिर बताने जा रहे हैं जहां अलौकिक शक्तियों का वास है। यह मंदिर इतना ज्यादा चमत्कारी है कि दूर-दूर से आने वाले भक्त यहां के चमत्कार देखकर दंग रह जाते हैं।
इतना ही नहीं कहा जाता है कि मंदिर का आकार भी हर साल धीरे-धीरे थोड़ा बढ़ता है। हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह रांची में स्थित है। रांची के कपड़गड़ी घाटी में स्थित रंकिणी माता मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां स्वयं रंकिणी माता विराजमान है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पहले माता कन्या रूप में विराजमान थी लेकिन अब वह मूर्ति में बदल हो गई। चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ा इतिहास –
Rankini Temple का इतिहास
रांची का रंकिणी माता मंदिर की स्थापना 1947 से लेकर साल 1950 के बीच हुई थी। यहां भक्तों की लंबी लंबी भीड़ देखने को मिलती है। यहां माता को लाल चुनरी में नारियल बांध के चढ़ाया जाता है। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। स्थानियों लोगों ने इस मंदिर का चमत्कार अपनी आँखों से देखा हुआ है।
लोगों का मानना है कि मां की मूर्ति जिस रूप में वहां विराजमान हैं उसका आकार हर साल बढ़ता है। इसके पीछे माता की महिमा और दिव्य उपस्थिति मानी जाती है। मंदिर में काली स्वरूपी रूप में माता देश भर में प्रसिद्ध है।
माता मंदिर को लेकर मान्यता
कहा जाता है कि पहले कन्या रूप में माता जंगल में वास करती थीं। लेकिन एक बार एक चरवाहे ने उनका पीछा करा ऐसे में वह वह वहां से भागी और कपड़गड़ी घाट पर धोबी के कपड़ों में छिपकर पत्थर का रूप ले लिया। तब से यहां मंदिर बन गया और यहां दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।