Vastu Tips: सावन में घर के मंदिर के लिए वास्तु टिप्स, पाएं भोलेनाथ की सालभर की कृपा

Vastu Tips: हिंदू धर्म में मंदिर का विशेष महत्व होता है। घर के मंदिर में भगवान की पूजा करने से सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर का निर्माण और रखरखाव कुछ नियमों के अनुरूप होना चाहिए, ताकि भगवान की कृपा बनी रहे।

भावना चौबे
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Vastu Tips: सावन का महीना हिंदू धर्म में भगवान शिव की भक्ति का विशेष समय होता है, और इस दौरान घर के मंदिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार सजाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है। सावन के महीने में मंदिर को सही तरीके से स्थापित करने से न केवल आध्यात्मिक वातावरण में वृद्धि होती है, बल्कि पूरे घर में भी सुख-शांति और समृद्धि का संचार होता है। सावन में कुछ सरल लेकिन प्रभावी वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने घर के मंदिर को ऐसे स्थान में बदल सकते हैं जहां से निरंतर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो। ये उपाय आपके जीवन को नई दिशा दे सकते हैं और आपकी भक्ति को और भी अधिक फलदायी बना सकते हैं।

घर का मंदिर ईशान कोण में रखें

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर रखने के लिए ईशान कोण सबसे शुभ स्थान माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में देवताओं का वास होता है और यहाँ पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। ईशान कोण को ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिकता का स्थान माना जाता है। इस दिशा में मंदिर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। ईशान कोण में मंदिर रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है और धन-दौलत में वृद्धि होती है। इस दिशा में मंदिर रखने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और बीमारियां दूर होती हैं। ईशान कोण को शिक्षा का स्थान भी माना जाता है। इस दिशा में मंदिर रखने से विद्यार्थियों को शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है। ईशान कोण में मंदिर रखने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है।

आम के पत्तों का तोरण

सावन के महीने में घर के मंदिर में आम के पत्तों का तोरण लगाना एक प्रभावशाली वास्तु उपाय है। आम के पत्तों को मंदिर में लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, क्योंकि ये पत्ते प्राकृतिक ऊर्जा को अवशोषित करते हैं। आम के पत्ते सावन की हरियाली का प्रतीक होते हैं, और इन्हें पीले फूलों के साथ सजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है। इस प्रकार, आम के पत्तों का तोरण न केवल वास्तु के दृष्टिकोण से लाभकारी होता है, बल्कि यह धार्मिक भावनाओं को भी प्रबल करता है।

शिवलिंग की स्थापना

शिवलिंग की स्थापना के लिए एक चौकी या स्थिर आधार तैयार करें। यह सुनिश्चित करें कि मंदिर या पूजा स्थल जमीन से ऊंचाई पर हो। मंदिर की पूरी साफ-सफाई करें और इसे पवित्र बनाएं। शिवलिंग को चौकी पर रखें। इसे ठीक से स्थानिक करें ताकि यह स्थिर और सुरक्षित रहे। प्रतिदिन शिवलिंग को स्नान कराएं और चंदन का तिलक लगाएं। आप गंगाजल, दूध, और शहद का उपयोग कर सकते हैं। नियमित रूप से शिवलिंग की पूजा करें। इसमें बेलपत्र, फूल, धूप, दीप और कर्पूर अर्पित करें। पूजा के दौरान ध्यान लगाएं और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

घर के मंदिर का मुख्य द्वार

घर के मंदिर का मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है। यदि आपके घर के मंदिर में दरवाजे लगे हैं, तो ये कुछ विशेषताएँ होनी चाहिए।

  • मंदिर के दरवाजे लकड़ी के बने होने चाहिए। लकड़ी न केवल सौम्यता और शांति को दर्शाती है, बल्कि यह ऊर्जा के प्रवाह को भी सहज बनाती है। दरवाजे का डिजाइन ऐसा होना चाहिए जिसमें वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था हो, जिससे हवा और प्रकाश की सही मात्रा अंदर जा सके।
  • दरवाजे बाहर की ओर खुलने चाहिए। इस दिशा में खुलने से सकारात्मक ऊर्जा आसानी से मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
  • दरवाजे के आयाम भी वास्तु के अनुसार होने चाहिए। अत्यधिक बड़े या छोटे दरवाजे मंदिर की पवित्रता को प्रभावित कर सकते हैं। दरवाजे की सजावट को साधारण और साफ-सुथरा रखना बेहतर होता है, जिससे ध्यान केंद्रित किया जा सके।
  • दरवाजे की नियमित सफाई और देखभाल भी महत्वपूर्ण है। एक स्वच्छ और सुंदर दरवाजा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक होता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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