वास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन विज्ञान है जो हमारे घर ऑफ़िस और जीवन में ऊर्जा संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. सही दिशा और स्थान का ध्यान रखनी से ना सिर्फ़ सुख शांति बनी रहती है बल्कि तरक़्क़ी और समृद्धि के मार्ग भी खुलते हैं.
घर या ऑफ़िस में वास्तु नियमों का पालन करने से न केवल सुख शांति बनी रहती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा भी दूर रहती है. चाहे घर हो या कार्यस्थल सही वास्तु न केवल जीवन में ख़ुशहाली लाता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.
चाँदी का मोर (Vastu Tips)
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में चाँदी का मोर रखना बहुत शुभ माना जाता है. ख़ासतौर पर नाचते हुए मोर की मूर्ति सकारात्मक उर्जा को घर की तरफ़ आकर्षित करती है. और यह वास्तुदोष को दूर करने में भी मदद करती है. ऐसा भी माना जाता है कि यह मूर्ति घर में धन के आवक बनाए रखती है, और समय समय पर आर्थिक लाभ के अवसर भी लाती है.
विवाह योग्य जातकों के लिए बहुत लाभकारी
वास्तु शास्त्र में चाँदी का मोर न केवल समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, बल्कि यह वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान करने में भी मददगार साबित होता है. यदि किसी व्यक्ति के विवाह में बार-बार अड़चनें आ रही है या शादीशुदा जीवन में तनाव और झगड़े हो रही हो तो घर में सही दिशा में चाँदी का मोर रखना शुभ होता है. यह मूर्ति विवाह योग्य जातकों के लिए अनुकूल योग उत्पन्न करती है और दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने में मदद करती है.
किस दिशा में रहें मोर
यदि कारोबार में लगातार नुक़सान हो रहा है या फिर में तरक़्क़ी नहीं हो रही है तो ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार चाँदी के मोर को सही दिशा में रखना शुभ माना जाता है. इसे दुकान, ऑफ़िस के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं.
इसके अलावा तिजोरी में चाँदी का मोर रखना भी धन वृद्धि के लिए विशेष लाभकारी साबित होता है. अगर आप घर में मोर रखना चाहते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि ड्राइंग रुम में स्थान देना सही होगा. इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और पारिवारिक माहौल शांतिपूर्ण रहता है.