Vastu Tips: पौधों की हरी-भरी छटा हमारे जीवन में ताजगी और सुंदरता का संचार करती है। इनका महत्व सिर्फ सजावट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्राचीन विज्ञान वास्तु शास्त्र के अनुसार, ये हमारे घर के वातावरण और रहने वालों के जीवन पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। जबकि अधिकांश पौधे सकारात्मक ऊर्जा के स्रोत होते हैं, कुछ ऐसे भी हैं जिनके घर में होने से नकारात्मकता बढ़ सकती है। इसलिए, घर को हरे-भरे पौधों से सजाने के साथ-साथ वास्तु के सिद्धांतों का भी ध्यान रखना आवश्यक है ताकि घर में सकारात्मकता और समृद्धि का वास हो सके।
कैक्टस
आजकल घरों को सजाने के लिए लोग तरह-तरह के पौधे लगाते हैं, जिनमें कैक्टस और बोनसाई भी शामिल हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, इन पौधों को घर के अंदर लगाना शुभ नहीं माना जाता। विशेषकर कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस और गुलाब, नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और घर में तनाव और क्लेश का वातावरण पैदा कर सकते हैं। इसी तरह, बोनसाई पौधे को भी घर के अंदर नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह विकास को रोकने का प्रतीक माना जाता है और घर के सदस्यों की तरक्की में बाधा डाल सकता है। इसलिए, घर में पौधे लगाते समय वास्तु के नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
इमली
कुछ पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, तो वहीं कुछ पौधे नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। मेहंदी और इमली जैसे पौधे वास्तु के अनुसार घर में लगाने के लिए शुभ नहीं माने जाते। ऐसा माना जाता है कि इन पौधों में नकारात्मक शक्तियां निवास करती हैं, जो घर में क्लेश और अशांति का कारण बन सकती हैं। इसलिए, इन पौधों को घर के आसपास या घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
घर में पौधे लगाना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, पौधों की देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। घर में लगाए गए पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए ताकि वे सूखें नहीं। सूखे पौधे नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होते हैं और घर में अशुभता का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, जिन पौधों से दूध निकलता है, उन्हें घर में नहीं लगाना चाहिए। ये पौधे भी नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं और घर के वातावरण को दूषित करते हैं। इसलिए, घर में पौधे लगाते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)