नए घर की नींव में नाग-नागिन का जोड़ा क्यों? जानिए इस परंपरा का वास्तु कारण

Vastu: नए घर की नींव में नाग-नागिन का जोड़ा रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस प्रथा के पीछे कई धार्मिक और वास्तु शास्त्रीय कारण बताए जाते हैं। आइए इन कारणों को विस्तार से समझते हैं।

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Vastu: घर का निर्माण एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है। इसीलिए लोग घर बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते हैं। मान्यता है कि वास्तु के अनुसार घर बनाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसी कड़ी में, घर की नींव में नाग-नागिन की मूर्ति रखने की परंपरा भी है। मान्यता है कि नाग देवता भूमि के देवता हैं और नाग-नागिन की मूर्ति रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर सुरक्षित रहता है।

श्रीमद् भागवत महापुराण के अनुसार, धरती के नीचे पाताल लोक स्थित है, जिसका स्वामी शेषनाग हैं। मान्यता है कि शेषनाग पृथ्वी को धारण करते हैं। इसीलिए, घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन को रखने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि इससे शेषनाग प्रसन्न होते हैं और घर की रक्षा करते हैं। नाग को धन का रक्षक भी माना जाता है, इसलिए यह भी विश्वास किया जाता है कि घर में नाग-नागिन की मूर्ति रखने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी कई लोग इसका पालन करते हैं।

नई ऊर्जा के लिए

घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन रखने की परंपरा का एक और आयाम है। नाग अपनी चर्मछदा (केचुली) छोड़कर नया रूप धारण करता है, यह परिवर्तन का प्रतीक है। इसी तरह, जब हम किसी ऐसे स्थान पर नया घर बनाते हैं जहां पहले कोई मकान रहा हो, तो नाग-नागिन का जोड़ा उस स्थान की पुरानी ऊर्जा और यादों को त्यागने में मदद करता है। यह मान्यता है कि नाग-नागिन का जोड़ा उस स्थान को नई ऊर्जा से भर देता है और नए घर में सुख-शांति का वातावरण बनाता है।

घर की रक्षा और आशीर्वाद

श्रीमद्भागवत महापुराण के दसवें अध्याय के 29वें श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं को नागों में शेषनाग के रूप में घोषित करते हैं। इस पवित्र उल्लेख के आधार पर, घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा रखने की परंपरा का एक गहरा धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि शेषनाग भगवान विष्णु के शयनासन हैं और वे समस्त ब्रह्मांड की रक्षा करते हैं। इसलिए, घर की नींव में नाग-नागिन का जोड़ा रखने से घर में भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश वर्जित हो जाता है। यह परंपरा न केवल घर को भौतिक रूप से सुरक्षित रखती है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध बनाती है।

शुद्धता और सुरक्षा का प्रतीक

चांदी को सदियों से शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन रखने की परंपरा इसी विश्वास से जुड़ी है। मान्यता है कि चांदी की शुद्धता घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती है। नाग-नागिन को भूमि देवता माना जाता है और चांदी के नाग-नागिन घर की रक्षा करते हैं। इस प्रकार, चांदी के नाग-नागिन घर में शांति, शुद्धता और समृद्धि लाने में सहायक होते हैं। यह परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी कई लोग इसका पालन करते हैं।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

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