Chaitra Navratri 2023 : 22 मार्च 2023 यानी बुधवार से चैत्र नवरात्रि की शुरू हो चुकी हैं। आज गुड़ी पड़वा का भी त्यौहार हैं। ऐसे में नए साल की शुरुआत हिन्दू धर्म में आज से ही मानी जाती है। आज का दिन बेहद शुभ होता है। क्योंकि आज गुड़ी पड़वा और नवरात्रि का पहला दिन है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
जैसा की आप सभी जानते हैं साल में चार नवरात्रि आती है। जिसमें से दो गुप्त और दो बड़ी होती हैं। आज सामान्य नवरात्रि का पहला दिन हैं। आज से नौ दिनों तक माता के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी। आज हम आपको पर्वतराज हिमालय की पुत्री मां शैलपुत्री की उपासना, पूजा विधि, मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं –
मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के त्यौहार पर सबसे पहले घट स्थापना की जाती है। उसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा से सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि शिव जी को अपने पति के रूप में पाने के लिए मां शैलपुत्री ने कठोर तप उपासना की थी। जिसके बाद उन्हें शिव समान जीवनसाथी की प्राप्ति हुई।
ऐसे में आज के दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। आप भी आज नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा और मंत्र का जाप करें। आपकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
Chaitra Navratri : मां शैलपुत्री की पूजा विधि
मां दुर्गा या मां शैलपुत्री के चित्र या प्रतिमा को लकड़ी के पटरे पर लाल या सफेद वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। इसी के साथ कलश भी स्थापित करें। देवी को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पण करें और सफेद बर्फी का भोग लगाएं।
एक साबुत पान के पत्ते पर 27 फूलदार लौंग रखें। मां शैलपुत्री के सामने घी का दीपक जलाएं और एक सफेद आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें। इसके साथ ही आप माता रानी को एक साथ कुमकुम, सफेद चंदन, हल्दी, अक्षत, सिंदूर, पान, लौंग, 16 श्रृंगार का सामान अर्पित कर सकते हैं।
इसके अलावा एक लाल चुनरी में पांच प्रकार के सूखे मेवे चढ़ाएं और देवी को अर्पित करें। अब ॐ शैलपुत्रये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के बाद सारी लौंग को कलावे से बांधकर माला का स्वरूप दें।
अपने मन की इच्छा बोलते हुए यह लौंग की माला मां शैलपुत्री को दोनों हाथों से अर्पण करें। ऐसा करने से आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी और पारिवारिक कलह हमेशा के लिए खत्म होंगे।
मां शैलपुत्री के मंत्र
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
ह्रीं शिवायै नम:
माता का प्रिय रंग –
सफेद
क्या भोग लगाए ?
रसगुल्ला, दूध की मिठाई
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।