एनाबेल सदरलैंड ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ रचा इतिहास, सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाली बनी पहली महिला खिलाड़ी

इस पारी के बदौलत एनाबेल महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन चुकी हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड कारेन रोल्टन के नाम था। रोल्टन ने यह कारनामा साल 2001 में 306 गेंदों में हासिल किया था।

Shashank Baranwal
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Annabel Sutherland

AUS W vs SA W: ऑस्ट्रेलिया महिला टीम और साउथ अफ्रीकी महिला टीम के बीच एकमात्र टेस्ट मैच पर्थ में 15 फरवरी से खेला जा रहा है। जहां दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक साउथ अफ्रीका की टीम ने 28 ओवर में 3 विकेट गंवाकर 67 रन बनाई हुई है। जबकि ऑस्ट्रेलिया की टीम 432 रनों की बढ़त बनाई हुई है। वहीं ऑस्ट्रेलिया की मिडिल ऑर्डर की बेहतरीन खिलाड़ी एनाबेल सदरलैंड ने दोहरा शतक लगाकर नया कारनामा किया है। आइए जानते हैं विस्तार से…

सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाले पहली महिला खिलाड़ी

साउथ अफ्रीका के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड ने शानदार दोहरा शतकीय पारी खेली। इस दौरान एनाबेल ने 256 गेंदों में 2 छक्के और 27 चौके की मदद से 210 रनों की पारी खेली। वहीं इस पारी के बदौलत एनाबेल महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन चुकी हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड कारेन रोल्टन के नाम था। रोल्टन ने यह कारनामा साल 2001 में 306 गेंदों में हासिल किया था।

महिला टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज दोहरा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट

  • एनाबेल सदरलैंड- 256 गेंद- 2024
  • कारेन रोल्टन- 306 गेंद- 2001
  • टैमी बियोमेंट- 317 गेंद- 2023

ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा स्कोर बनाने वाली महिला खिलाड़ी

  • एलिसा पैरी- 213* रन
  • एनाबेल सदरलैंड- 210 रन
  • कारेन रोल्टन- 209* रन
  • मिचेल गोस्को- 204 रन
  • जोआनो ब्रॉजबेंट- 200 रन

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।