बेन डकेट ने शतक लगाकर हासिल की उपलब्धि, भारत में ऐसा करने वाले बने तीसरे विदेशी बल्लेबाज

इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज बेन डकेट तीसरे सबसे तेज शतक लगाने वाले विदेशी बल्लेबाज बन चुके हैं। डकेट ने न्यूजीलैंड के रॉस टेलर को पीछे छोड़ दिया है।

Shashank Baranwal
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Ben Duckett

Ind vs Eng Ben Duckett: भारत घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला खेला जा रहा है। जहां दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने 35 ओवर में 2 विकेट गंवाकर 207 रन बना चुकी है। सीरीज पर जो रूट और बेन डकेट क्रीज पर बने हुए हैं। वहीं सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने शतकीय पारी खेलकर नई कामयाबी हासिल की है। आइए जानते हैं विस्तार से…

बेन डकेट ने खेली तूफानी पारी

तीसरे टेस्ट मुकाबले में बेन डकेट ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतकीय पारी खेली। इस दौरान डकेट ने भारत के खिलाफ सबसे तेज शतक लगाने वाले इंग्लैंड के पहले बल्लेबाज बन चुके हैं। डकेट ने महज 88 गेंदों में अपना टेस्ट शतक पूरा कर लिया। वहीं 118 गेंदों में 2 छक्के और 21 चौके की मदद से 133 बनाकर अभी भी क्रीज पर बने हुए हैं।

भारत में ऐसा करने वाले बने तीसरे विदेशी बल्लेबाज

इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज बेन डकेट तीसरे सबसे तेज शतक लगाने वाले विदेशी बल्लेबाज बन चुके हैं। डकेट ने न्यूजीलैंड के रॉस टेलर को पीछे छोड़ दिया है। बता दें रॉस टेलर ने साल 2012 में भारत के खिलाफ 99 गेंदों में शतकीय पारी खेली थी।

भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाने वाले विदेशी बल्लेबाज (भारतीय सरजमीं)

  • एडम गिलक्रिस्ट- ऑस्ट्रेलिया- 84 गेंद- 2001
  • क्लाइव लॉयड- वेस्टइंडीज- 85 गेंद- 1974
  • बेन डकेट- इंग्लैंड- 88 गेंद- 2024
  • रॉस टेलर- न्यूजीलैंड- 99 गेंद- 2012

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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