भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास, पहली बार इंग्लैंड की टीम को टेस्ट मैच में हराया

Shashank Baranwal
Published on -
IND-W vs ENG-W:

IND-W vs ENG-W: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड की टीम को घरेलू मैदान में खेले जा रहे टेस्ट मैच में हराकर इतिहास रच दिया है। बता दें भारत और इंग्लैंड की महिला टीम के बीच मुंबई में डीवाई स्टेडियम में मैच खेला गया। जहां भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड की 347 रनों से मैच हराकर रिकार्ड कायम कर दिया है।

दीप्ति शर्मा बनी भारतीय टीम के जीत का जरिया

भारत और इंग्लैंड की टीम के बीच टेस्ट मैच नवी मुंबई के डीवाई स्टेडियम खेला गया। जहां भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड की टीम के सामने 478 रनों का लक्ष्य रखा था। जहां भारतीय टीम की तरफ से दीप्ति शर्मा ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए 9 विकेट झटके और इंग्लैंड की टीम को दूसरी पारी में 27.3 ओवरों में 131 रन ही बना पाई। वहीं भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड की टीम को तीसरे दिन के शुरूआती दौर में ही 10 विकेट लेकर मैच को अपने नाम कर लिया है। यह जीत भारतीय महिला टीम की इंग्लैंड की टीम के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर पहली जीत है।

पहली पारी में भारतीय टीम ने 292 रनों की लीड की थी हासिल

आपको बता दें भारतीय टीम ने पहली पारी में 428 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। जहां शुभा सतीश ने 69 रन, रॉड्रिक्स ने 68 रन, दीप्ति शर्मा ने 67 रन और यास्तिका भाटिया ने 66 रन बनाए हैं। वहीं भारत ने पहली पारी में इंग्लैंड के खिलाफ 292 रनों की लीड हासिल की थी। वहीं तीसरे दिन बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम को 27.3 ओवरों में 131 रनों पर ही भारतीय टीम ने इंग्लैंड की टीम को ऑलआउट कर दिया। आपको बता दें दूसरी पारी के लिए दीप्ति शर्मा ने 4 विकेट और पूजा वस्त्राकर ने 3 विकेट झटके।

गौरतलब है कि भारतीय टीम और इंग्लैंड की टीम के बीच अब तक तीन बार 1995/96, 2001/02 और 2005/06 के बीच आमना सामना हो गया है। इंग्लैंड की टीम ने 1995/96 में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 1-0 की बढ़त बनाकर जीत लिया था। जबकि और दोनों सीरीज ड्रा हो गई थी।


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News