Ranji Trophy 2024: मुंबई ने 48वीं बार फाइनल में जगह की पक्की, तमिलनाडु को 70 रनों से हराकर जीता मैच

मुंबई पहली पारी में 7 विकेट खोकर 106 रन बना पाई थी। वहीं शार्दुल ठाकुर ने पारी को संभाला और एक शानदार शतक जड़ा। इस दौरान 105 गेंदों में 4 छक्के और 13 चौके की मदद से 109 रन बनाए।

Shashank Baranwal
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Mumbai Beat Tamil Nadu Ranji Trophy 2024: घरेलू क्रिकेट सीरीज रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबला मुंबई और तमिलनाडु के बीच खेला गया। जहां मुंबई ने तीसरे दिन ही 70 रनों से मैच जीतकर फाइनल में जगह पक्की कर ली है। वहीं इस जीत के साथ मुंबई की टीम ने 48वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है। जबकि 41 बार वह चैंपियन भी रही है।

162 रनों पर ऑलआउट हुई तमिलनाडु में की टीम

तमिलनाडु ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। इस दौरान पहली पारी में 146 रनों पर ही तमिलनाडु की टीम सिमट गई। वहीं मुंबई की टीम ने 378 रनों की पहली पारी खेली। इस दौरान टीम ने 232 रनों की बढ़त भी बना ली थी। वहीं इसके जवाब में दूसरी पारी में तमिलनाडु की टीम 162 रनों पर ही ऑलआउट हो गई और 70 रनों से शिकस्त हो गई। आपको बता दें मुंबई की भिड़ंत फाइनल में विदर्भ और मध्य प्रदेश के बीच खेले जा रहे सेमीफाइनल में जीतने वाली टीम के बीच होगी।

शार्दुल ठाकुर ने जड़ा था शतक

मुंबई पहली पारी में 7 विकेट खोकर 106 रन बना पाई थी। वहीं शार्दुल ठाकुर ने पारी को संभाला और एक शानदार शतक जड़ा। इस दौरान 105 गेंदों में 4 छक्के और 13 चौके की मदद से 109 रन बनाए। वहीं दूसरी तरफ तनुश कोटियान ने 126 गेंदों में 12 चौके की मदद से 89 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली।

शम्स मुलानी ने हासिल किए सबसे ज्यादा विकेट

मुंबई की तरफ से शम्स बुलानी ने सबसे ज्यादा 4 विकेट हासिल किए। जबकि शार्दुल ठाकुर, मोहित अवस्थी और तनुश कोटियान ने 2-2 विकेट हासिल किए हैं। आपको बता दें तमिलनाडु की तरफ से बाबा इंद्रजीत ने 105 गेंदों में 9 चौके की मदद से सबसे ज्यादा 70 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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