भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में एक बार फिर इतिहास रच दिया है। दरअसल नीरज ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने अद्वितीय खेल का प्रदर्शन किया था। दरअसल अब हाल ही में आयोजित लुसाने डायमंड लीग 2024 में नीरज ने अपने करियर का सबसे बेहतरीन थ्रो करते हुए 89.49 मीटर की दूरी तक भाला फेंका। हालांकि, इस जबरदस्त प्रदर्शन के बावजूद वह एक बार फिर स्वर्ण पदक हासिल करने में सफल नहीं रहे और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
दरअसल पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा का आत्मविश्वास आसमान पर है। बता दें कि लुसाने डायमंड लीग में नीरज को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। नीरज के प्रदर्शन ने एक बार फिर भारतीय खेल प्रेमियों को गर्व से भर दिया। दरअसल इस प्रतियोगिता में नीरज ने न केवल अपने व्यक्तिगत थ्रो के रिकॉर्ड को तोडा, बल्कि दुनिया को यह भी साबित कर दिया कि नीरज हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
नीरज चोपड़ा के लिए शुरुआत में मुश्किल साबित हुई प्रतियोगिता
जानकारी के मुताबिक लुसाने डायमंड लीग की प्रतियोगिता नीरज चोपड़ा के लिए शुरुआत में कुछ मुश्किल साबित हुई। दरअसल उनके पहले चार थ्रो अपेक्षा के अनुसार नहीं रहे, और वह शीर्ष तीन में भी जगह बनाने में नाकाम रहे। यहां देखिए नीरज के चारो थ्रो की जानकारी
पहला प्रयास: नीरज ने अपने पहले थ्रो में 82.10 मीटर का थ्रो किया, जो उनके स्तर से काफी कम था।
दूसरा प्रयास: दूसरे थ्रो में उन्होंने 83.21 मीटर का थ्रो किया, जो पहले से बेहतर था, लेकिन फिर भी उन्हें शीर्ष स्थान पर नहीं पहुंचा सका।
तीसरा प्रयास: तीसरे थ्रो में नीरज ने 83.13 मीटर का थ्रो किया, जो उनके दूसरे प्रयास के आसपास ही रहा। तीन प्रयासों के बाद नीरज शीर्ष तीन में जगह नहीं बना सके थे।
चौथा प्रयास: चौथे थ्रो में भी नीरज ने 82.34 मीटर का थ्रो किया और चौथे स्थान पर बने रहे।
वहीं इसके बाद नीरज चोपड़ा ने अपने पांचवें और छठे प्रयास में जबरदस्त वापसी की, जिससे एक बार फिर उन्होंने सभी को चौंका दिया। यहां देखिए पांचवे और छठे प्रयास की जानकारी
पांचवां प्रयास: पांचवें थ्रो में नीरज ने 85.58 मीटर का थ्रो किया, जिससे वह तीसरे स्थान पर पहुंच गए। यह थ्रो उनके पहले के सभी प्रयासों से बेहतर था और इसने उनके आत्मविश्वास को एक बार फिर बढ़ा दिया।
छठा प्रयास: निर्णायक छठे थ्रो में नीरज ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए भाले को 89.49 मीटर दूर फेंका। यह उनके करियर का सबसे बेहतरीन थ्रो था, जिसने उन्हें दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया। हालांकि, यह थ्रो उन्हें स्वर्ण पदक दिलाने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुआ।