Rubina Francis: पैरालंपिक में MP की बेटी का जलवा, शूटिंग में जीता कांस्य पदक, PM मोदी और CM मोहन यादव ने की प्रशंसा 

रुबीना फ्रांसिस ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल के एसएच1 कैटेगरी में कांस्य पदक प्राप्त किया है। यह शूटिंग में भारत का तीसरा मेडल है।

Manisha Kumari Pandey
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Paris Paralympics 2024: जबलपुर की रुबीना फ्रांसिस (Rubina Francis) ने पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रच दिया है। उन्होनें महिला 10 मीटर एयर पिस्टल के एसएच1 कैटेगरी में कांस्य पदक जीता है। इस कैटेगरी में ईरान की एस जवनमार्दि ने गोल्ड और तुर्की की ए ओजगन ने सिल्वर मेडल प्राप्त किए हैं। इसी के साथ भारत को अब तक 5 पदक हासिल हो चुके हैं। वहीं शूटिंग में यह भारत का तीसरा मेडल है।

रुबीना फ्रांसिस 25 की उम्र में सफल शूटर्स में से एक हैं। वह दूसरी बार पैरालम्पिक हिस्सा बनी। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने 7वां स्थान प्राप्त किया था। लेकिन कोई जीतने में असफल रहीं। इससे पहले वह 2022 में संयुक्त अरब अमीरात के अल ऐन में विश्व शूटिंग पैरा सपोर्ट चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुकी हैं।

भारत के लिए यह गर्व का पल है- पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)

पीएम मोदी ने रुबीना फ्रांसिस की खूब प्रशंसा की। उन्होनें कहा, ” रुबीना फ्रांसिस ने पैरालम्पिक 2024 में पी-2 महिला की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएस1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता है। भारत के लिए यह गर्व का पल है। यह उनके असाधारण फोकस, दृढ़ संकल्प और  दृढ़ता का फल है।”

सीएम मोहन यादव ने कही ये बात (CM Mohan Yadav)

सीएम मोहन यादव ने कहा, “पेरिस पैरालम्पिक 2024 में पी-2 महिला की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएस1 स्पर्धा में भारतीय शूटर और जबलपुर की बेटी को कांस्य पदक मिलने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। बेटी रुबीना आपकी ये जीत देश और मध्यप्रदेश के युवाओं खासकर बेटियों के लिए संघर्ष से सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी।” उन्होनें आगे कहा, “बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि आपकी जीत का क्रम निरंतर चलता रहे। आप देश और प्रदेश को गौरवान्वित करती रहें।”

रुबीना फ्रांसिस से जुड़े तथ्य (Rubina Francis Facts)

रुबीना का जन्म मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक मध्यम वर्ग़ परिवार में हुआ था। पिता साइमन पेशे से मैकेनिक हैं। आर्थिक कठिनाइयों के कारण माँ को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करना पड़ा। उनका बचपन काफी मुश्किलों से बीता। आर्थिक तंगी के साथ-साथ दिव्यंगता का भी सामना करना पड़ा। जन्म से ही उनके दोनों पैर तिरछें थे। इलाज के बाद भी समस्या से पूर्ण रूप से ठीक नहीं हुई।

2014 में गन फॉर ग्लोरी शूटिंग अकादेमी के प्रतिभा खोज की चयन स्पर्धा से रुबीना शूटिंग गेम से जुड़ी। इस दौरान वह अलायसियस स्कूल पोलीपाथर की छात्रा थी। परिवार ने प्रतिभा को देखते हुए हमेशा उनका समर्थन भी किया। चयन स्पर्धा के जरिए रुबीना का दाखिला अकादेमी में हुआ। जहां उसे निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया है। रुबीना आओने करियर में 6 से अधिक इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेल चुकी हैं।

 


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