Ind vs Eng: रोहित शर्मा ने 5वां टेस्ट मैच जीतकर रचा इतिहास, 112 साल पुराने रिकॉर्ड को दोहराने वाले बने पहले भारतीय कप्तान

आखिरी टेस्ट मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 218 रनों पर ही ऑलआउट हो गई थी। इसके जवाब में भारतीय टीम 477 रनों पर ऑलआउट होकर 259 रनों की बढ़त बनाई थी।

Shashank Baranwal
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Ind vs Eng: भारत घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही थी। वहीं आखिरी मुकाबले के तीसरे दिन ही कमाल की गेंदाबाजी के बदौलत रोहित शर्मा एंड कंपनी ने पारी और 64 रनों से मैच जीत लिया है। अंग्रेजों को लगातार चौथी शिकस्त हाथ लगी है। इस सीरीज में रोहित की टीम 4-1 की बढ़त बनाकर सीरीज जीतने के साथ एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हुए हैं। आइए जानते हैं विस्तार से…

रोहित शर्मा ने रचा इतिहास

रोहित शर्मा की कप्तानी में इंग्लैंड के साथ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई है। जहां भारत ने पहले मैच में हारकर लगातार चार मैचों को जीतकर टेस्ट क्रिकेट के 112 साल पुराने इतिहास के दोहरा दिया है। इस जीत के साथ के रोहित शर्मा पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं जिनकी कप्तानी में पहला टेस्ट मैच हारकर सीरीज को 4-1 से जीता हो। गौरतलब है कि भारत के अलावा अभी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ तीन बार ये कारनामा हुआ है। जहां टेस्ट का पहला मैच हारकर टीम ने 4-1 से सीरीज पर कब्जा किया हो। इस कारनामा को भारत से पहले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीम ने कर दिखाया है। जिसमें साल 1912 में इंग्लैंड ने करके दिखाया था।

पहला मैच हारकर सीरीज पर 4-1 से कब्जा करने वाली टीम

  • 1897/98- ऑस्ट्रेलिया
  • 1901/02- ऑस्ट्रेलिया
  • 1911/12- इंग्लैंड
  • 2024- भारत

195 रनों पर सिमटी इंग्लैंड की टीम

आखिरी टेस्ट मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 218 रनों पर ही ऑलआउट हो गई थी। इसके जवाब में भारतीय टीम 477 रनों पर ऑलआउट होकर 259 रनों की बढ़त बनाई थी। वहीं दूसरी पारी में भारत की घातक के गेंदबाजी के आगे ज्यादा देर तक अंग्रेज नहीं टिक पाए और 195 रनों पर ही ऑलआउट हो गई।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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