Ind vs Eng: सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ अर्धशतकीय पारी खेलकर हासिल की नई उपलब्धि, इन खिलाड़ियों के लिस्ट में हुए शामिल

सरफराज खान ने दूसरी पारी में शानदार नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली। इस दौरान सरफराज ने 72 गेंदों में 3 छक्के और 6 चौके की मदद से 68 रन बनाए।

Shashank Baranwal
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Sarfaraz Khan

Ind vs Eng: भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरी मुकाबला खेला जा रहा है। जहां भारत के लिए डेब्यू करने वाले सरफराज खान ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। सरफराज खान को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में डेब्यू करने का मौका मिला, जिसकी पहली पारी में अर्धशतक लगाकर रिकॉर्ड्स बनाए थे। वहीं दूसरी पारी में भी अर्धशतक लगाकर एक और रिकॉर्ड बनाते हुए पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों की फेहरिश्त में शामिल हो गए हैं।

सरफराज खान ने हासिल की उपलब्धि

सरफराज खान ने दूसरी पारी में शानदार नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली। इस दौरान सरफराज ने 72 गेंदों में 3 छक्के और 6 चौके की मदद से 68 रन बनाए। वहीं सरफराज ने टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है। बता दें सरफराज पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर की फेहरिश्त में शामिल हो गए हैं।

डेब्यू मैच के दौरान टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज

  • दिलावर हुसैन- 1934- 59 रन, 57 रन
  • सुनील गावस्कर- 1971- 65 रन, 67 रन
  • श्रेयस अय्यर- 2021- 101 रन, 65 रन
  • सरफराज खान- 2024- 62 रन, 68 रन

पहली पारी में बनाए इतने रन

सरफराज खान ने पहली पारी में 66 गेंदों 1 छक्के और 9 चौके की मदद से 62 रनों की पारी खेली थी। वहीं रविंद्र जड़ेजा के कॉल पर वह रन आउट हो गए। जिसके कारण उन्हे पवेलियन लौटना पड़ा। भारत पहली पारी में विशाल बढ़त बनाने में रविंद्र जड़ेजा के साथ अच्छी साझेदारी निभाया था।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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