IND VS ENG: भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में पहली बार हुआ ये कारनामा, बना एक खास विश्व रिकॉर्ड

गेंदबाजी की बात करें तो रविचंद्रन अश्विन ने सबसे ज्यादा 5 विकेट चटकाए। वहीं जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव को 2-2 विकेट मिलने में सफलता हासिल हुई।

India vs England

Ind vs Eng Test Series: भारत और इंग्लैंड के बीच धर्मशाला में खेले गए आखिरी टेस्ट मुकाबले में कप्तान रोहित की अगुवाई में टीम ने 64 रनों और पारी से मैच को अपने नाम कर लिया है। इस जीत के साथ भारतीय टीम ने 4-1 की मजबूत बढ़त के साथ सीरीज पर कब्जा कर लिया। इस सीरीज के दौरान कई रिकॉर्ड्स बनते और टूटते हुए दिखाई दिए। वहीं पूरे मैच के दौरान एक और कारनामा हुआ है जो कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है। आइए जानते हैं विस्तार से…

अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में पहली बार हुआ ऐसा

भारत और इंग्लैंड के बीच एक तरफ गेंदबाजी ने कमाल दिखाया तो दूसरी तरफ बल्लेबाजों ने जमकर छक्के, चौके जड़े। इस दौरान टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार किसी सीरीज में 100 या 100 से ज्याद छक्के लगे हैं। आपको बता दें पांच मैचों की सीरीज में कुल दोनों टीमों को मिलाकर कुल 101 छक्के लगे हैं। जीत के साथ छक्कों के मामले में भारतीय टीम का पड़ला भारी रहा है। भारत की तरफ से सीरीज में कुल 72 छक्के लगाए गए। जबकि इंग्लैंड की तरफ से कुल 29 छक्के लगे हैं। इस दौरान युवा और ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने 5 मैचों की 9 पारियों में कुल 26 छक्के जड़े।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।