Ind vs Eng: यशस्वी जायसवाल ने रचा इतिहास, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को छोड़ा पीछे, कोहली से इस मामले में निकले आगे

यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कमाल की बल्लेबाजी की है। यशस्वी ने बैक टू बैक क्रिकेट के कई रिकॉर्ड्स को तोड़ने में कामयाब हुए हैं।

Yashasvi Jaiswal

IND VS ENG 5th Test: भारत और इंग्लैंड के बीच 5वां टेस्ट मुकाबला आखिरी टेस्ट मुकाबला धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जा रहा है। जहां, यशस्वी जायसवाल ने कमाल की बल्लेबाजी की। उन्होंने 58 गेंदों में 3 छक्के और 5 चौके की मदद से 57 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। इस दौरान यशस्वी एक नया कीर्तिमान हासिल करने में कामयाब हो गए। उन्होंने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर सहित किंग कोहली को भी पीछे छोड़ दिया है। आइए जानते हैं विस्तार से…

इस मामले मे सचिन तेंदुलकर से निकले आगे

यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कमाल की बल्लेबाजी की है। यशस्वी ने बैक टू बैक क्रिकेट के कई रिकॉर्ड्स को तोड़ने में कामयाब हुए हैं। इसी बीच आखिरी टेस्ट मुकाबले में उनको क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाबी मिली है। बता दें यशस्वी ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 26 छक्के लगाकर सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ते हुए एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक छक्के लगाने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं। गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सर्वाधिक 25 छक्के लगाए थे।

टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक छक्के लगाने वाले खिलाड़ी

  • यशस्वी जायसवाल- 26 छक्के (इंग्लैंड)
  • सचिन तेंदुलकर- 25 छक्के (ऑस्ट्रेलिया)
  • रोहित शर्मा- 22 छक्के (साउथ अफ्रीका)
  • कपिल देव- 21 छक्के (इंग्लैंड)
  • ऋषभ पंत- 21 छक्के (इंग्लैंड)

विराट कोहली से इस मामले में निकले आगे

इसके अलावा यशस्वी जायसवाल ने विराट कोहली को भी पीछे छोड़ दिया है। यशस्वी ने टेस्ट क्रिकेट के कुल 9 मैचों में सर्वाधिक 29 छक्के लगाए हैं। जबकि विराट कोहली ने टेस्ट में सबसे ज्यादा 26 छक्के लगाए हैं। साथ ही यशस्वी ने विराट कोहली को एक मामले में और पीछे छोड़ दिया है। यशस्वी जासवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 712 रन बनाया है। जबकि विराट कोहली ने एक टेस्ट सीरीज में सर्वाधिक 655 रन बनाए हैं।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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