IND vs ENG: धर्मशाला में यशस्वी जायसवाल बनाएंगे एक और रिकॉर्ड, इस खिलाड़ी को छोड़ सकते हैं पीछे

अगर यशस्वी जासवाल इंग्लैंड के खिलाफ खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट मैच में 29 रन बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो एक नया रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हो जाएंगे।

Shashank Baranwal
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IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच आखिरी टेस्ट मैच का आयोजन 7 मार्च को धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। इस आखिरी मैच को भी भारतीय टीम जीतने के इरादे से उतरेगी। वहीं अंग्रेजों के साथ खेली जा रही टेस्ट सीरीज भारत के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के बड़ी शानदार रही है। इस दौरान यशस्वी ने कई रिकॉर्ड्स बनाएं हैं। साथ ही कई रिकॉर्ड्स को तोड़ने में भी सफलता मिली है। इसके अलावा 5वें टेस्ट मैच में एक कामयाबी और हासिल कर सकते हैं।

इस खिलाड़ी से निकल सकते हैं आगे

भारत के युवा और ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने टेस्ट क्रिकेट करियर के कुल 8 मैच खेले हैं। वहीं यशस्वी ने 15 पारियों में कुल 971 रन बनाने में कामयाब हुए हैं। अगर जासवाल इंग्लैंड के खिलाफ खेले जाने वाले आखिरी टेस्ट मैच में 29 रन बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो वह अपना 1000 रन पूरा करने के साथ टेस्ट क्रिकेट के बेहतरीन बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा से आगे निकल सकते हैं। गौरतलब है कि चेतेश्वर पुजारा ने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट के 18 पारियों में 1000 रन बनाने में कामयाब हुए थे।

अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1 हजार रन बनाने वाले शीर्ष- 4 भारतीय बल्लेबाज

  • 14 पारी- विनोद कांबली
  • 18 पारी- चेतेश्वर पुजारा
  • 19 पारी- मयंक अग्रवाल
  • 21 पारी- सुनील गावस्कर

इंग्लैंड के खिलाफ इतने रन बनाए यशस्वी जायसवाल

इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए चार टेस्ट मैचों में यशस्वी जायसवाल ने 655 रन बनाए हैं। इस दौरान यशस्वी ने दो दोहरा शतक और 2 अर्धशतक लगाए हैं।

  • पहला मैच- 80,15 रन
  • दूसरा मैच- 209,17 रन
  • तीसरा मैच- 10,214 रन
  • चौथा मैच- 73,37 रन

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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