प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी आईबीएम का अनुमान है कि अगले पांच साल में धोखाधड़ी और खाद्य सुरक्षा समेत अन्य मुद्दों से निपटने के लिए वस्तुओं और उपकरणों में स्याही की बिंदु या अतिसूक्ष्म कंप्यूटर जैसे क्रिप्टोग्राफ्रिक एंकर लगाए जाएंगे। इनका आकार नमक के कण से भी छोटा होगा।
आईबीएम ने बयान में कहा कि क्रिप्टोग्राफिक एंकर का इस्तेमाल ब्लॉकचेन डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर प्रौद्योगिकी के साथ होगा ताकि उत्पाद की प्रमाणिकता बनने वाले स्थान से लेकर ग्राहकों में हाथ में पहुंचने तक सुनिश्चित किया जा सके। डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर प्रौद्योगिकी संपत्ति या उत्पाद के लेनदेन को दर्द करने वाली एक डिजीटल प्रणाली है जिसमें लेनदेन से जुड़ी जानकारियां एक ही समय में कई जगह पर दर्ज होती है।
इसमें कहा गया है कि ये प्रौद्योगिकियां नए समाधानों का मार्ग प्रशस्त करते हैं जो कि खाद्य सुरक्षा, विनिर्मित कलपुर्जों की प्रमाणिकता, नकली सामान की पहचान जैसे मुद्दों से निपटने में मदद करेगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सालाना600 अरब से ज्यादा की धोखाधड़ी होती है और कुछ देशों में जान बचाने वाली करीब70 प्रतिशत दवाएं नकली हैं।