7 मई 2025 को भारत में 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स में मॉक ड्रिल होगी। यह ड्रिल पहलगाम आतंकी हमले और बढ़ते जियोपॉलिटिकल टेंशन के बाद हो रही है। इस दौरान 5G बेस्ड सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम का टेस्ट होगा।
भारत सरकार ने हाल के हालात को देखते हुए इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम को और मजबूत करने का फैसला किया है। 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल में पहली बार पूरे देश में 5G पावर्ड सेल ब्रॉडकास्ट सिस्टम का यूज होगा। यह टेक्नोलॉजी C-DOT, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने मिलकर डेवलप की है। यह सिस्टम हाई नेटवर्क ट्रैफिक में भी लाखों फोन्स पर सेकेंड्स में अलर्ट भेज सकता है। अलर्ट हिंदी, इंग्लिश और रीजनल लैंग्वेज में आएगा, जिसमें एयर रेड सायरन और सेफ्टी इंस्ट्रक्शंस होंगे। मॉक ड्रिल का मकसद है सिविलियन्स को एयर स्ट्राइक या मिसाइल अटैक जैसी सिचुएशन के लिए तैयार करना। इसमें ब्लैकआउट ड्रिल, सायरन टेस्ट और इवैक्यूएशन प्रैक्टिस भी शामिल है।

फोन पर इमरजेंसी अलर्ट सेटिंग कैसे ऑन करें ?
अपने फोन पर इमरजेंसी अलर्ट रिसीव करने के लिए इन स्टेप्स फॉलो करें
- एंड्रॉयड: सेटिंग्स > सेफ्टी एंड इमरजेंसी > वायरलेस इमरजेंसी अलर्ट्स > “Allow Alerts” को ऑन करें।
- iPhone: सेटिंग्स > नोटिफिकेशंस > गवर्नमेंट अलर्ट्स > “Emergency Alerts” को टॉगल ऑन करें।
नोट: फोन का साइलेंट मोड अलर्ट को ब्लॉक नहीं करेगा। अलर्ट के साथ लाउड बीप और वाइब्रेशन होगा। फोन स्विच ऑफ होने पर अलर्ट नहीं आएगा, इसलिए ड्रिल के दौरान फोन ऑन रखें।
यह सेटिंग ऑन करने से आप मॉक ड्रिल और रियल इमरजेंसी में अलर्ट पा सकेंगे। NDMA का कहना है कि यह सिस्टम सुनामी, भूकंप या अटैक जैसी सिचुएशन में लाइफ सेवर हो सकता है।
7 मई की मॉक ड्रिल में कई एक्टिविटीज होंगी
- एयर रेड सायरन: 1-3 मिनट का सायरन बजेगा, जो अटैक की वार्निंग देगा।
- ब्लैकआउट प्रैक्टिस: रेजिडेंट्स से लाइट्स ऑफ करने और विंडोज कवर करने को कहा जाएगा।
- इवैक्यूएशन ड्रिल: डेंजर जोन से सेफ एरिया में मूव करने की प्रैक्टिस होगी।
- कंट्रोल रूम टेस्ट: सिविल अथॉरिटीज और इंडियन एयर फोर्स के बीच कम्युनिकेशन चेक होगा।
इस ड्रिल का मकसद सिविलियन्स को इमरजेंसी में शांत और तैयार रहने की ट्रेनिंग देना है। स्कूल, ऑफिस और पब्लिक प्लेस पर भी सेफ्टी प्रोटोकॉल्स फॉलो किए जाएंगे।
5G सेल ब्रॉडकास्ट अलर्ट सिस्टम की खासियत
- कंजेशन-प्रूफ: हाई ट्रैफिक में भी फेल नहीं होगा।
- इंस्टेंट डिलीवरी: सेकेंड्स में लाखों डिवाइस तक अलर्ट पहुंचेगा।
- मल्टी-लैंग्वेज: हिंदी, इंग्लिश और लोकल लैंग्वेज में मैसेज।
- ऑल नेटवर्क सपोर्ट: जियो, एयरटेल, BSNL, वीआई, सब पर काम करेगा।
C-DOT के CEO राजकुमार उपाध्याय के मुताबिक, यह सिस्टम अभी डेवलपमेंट फेज में है, लेकिन जियो और BSNL नेटवर्क पर टेस्टिंग चल रही है। फ्यूचर में यह डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए गेम-चेंजर होगा।