स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन उसका चार्जर अगर नकली हुआ तो फोन की बैटरी खराब हो सकती है। नकली चार्जर से शॉर्ट सर्किट या आग लगने का खतरा भी रहता है। 2025 में भारत में 60% से ज्यादा चार्जर्स नकली बिक रहे हैं। सही चार्जर चुनना आपकी जेब और फोन की सेहत के लिए जरूरी है।
मार्केट में नकली चार्जर्स की बाढ़ है, क्योंकि ये सस्ते होते हैं। लेकिन ये फोन की बैटरी लाइफ कम करते हैं और सेफ्टी के लिए खतरा हैं। असली चार्जर की पहचान के लिए कुछ आसान तरीके हैं। ब्रांड लोगो, प्रिंट क्वालिटी और सर्टिफिकेशन जैसे पॉइंट्स पर गौर करें। ऑनलाइन शॉपिंग में भी सावधानी बरतें, क्योंकि वहां नकली प्रोडक्ट्स ज्यादा बिकते हैं। बड़े ब्रांड्स जैसे सैमसंग, ऐपल और शाओमी अपने चार्जर्स पर खास सिक्योरिटी फीचर्स देते हैं। इन 5 तरीकों से आप नकली चार्जर को पकड़ सकते हैं।

चार्जर की पहचान के 5 आसान तरीके
- ब्रांड लोगो और प्रिंटिंग चेक करें: असली चार्जर पर ब्रांड का लोगो साफ और सटीक होता है। नकली चार्जर पर लोगो धुंधला या गलत जगह पर होता है। प्रिंटिंग में स्पेलिंग मिस्टेक या फीके रंग नकली होने का संकेत हैं।
- सर्टिफिकेशन मार्क देखें: असली चार्जर पर BIS (भारत), CE या UL जैसे सेफ्टी सर्टिफिकेशन मार्क होते हैं। नकली चार्जर पर ये मार्क गायब या धुंधले हो सकते हैं।
- वजन और बिल्ड क्वालिटी: असली चार्जर का वजन और फिनिशिंग बेहतर होती है। नकली चार्जर हल्के और प्लास्टिक की खराब क्वालिटी के होते हैं।
- चार्जिंग स्पीड टेस्ट करें: असली चार्जर वही स्पीड देता है, जो कंपनी दावा करती है, जैसे 20W या 65W। नकली चार्जर धीमे चार्ज करते हैं या फोन गर्म हो जाता है।
- सीरियल नंबर और QR कोड: ज्यादातर ब्रांड्स चार्जर पर सीरियल नंबर या QR कोड देते हैं, जिसे उनकी वेबसाइट पर चेक किया जा सकता है। नकली चार्जर पर ये नंबर गलत या गायब होते हैं।
एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि चार्जर हमेशा कंपनी के स्टोर या भरोसेमंद प्लेटफॉर्म से खरीदें। ऑनलाइन खरीदते वक्त रिव्यू और सेलर रेटिंग चेक करें।
नकली चार्जर से बचने के टिप्स
नकली चार्जर से फोन की बैटरी 30% तक जल्दी खराब हो सकती है। ये चार्जर ओवरहीटिंग, शॉर्ट सर्किट या ब्लास्ट का कारण भी बन सकते हैं। हमेशा ओरिजिनल चार्जर या ब्रांडेड थर्ड-पार्टी चार्जर, जैसे Anker या Belkin, चुनें। ऑनलाइन खरीदारी में Amazon, Flipkart जैसे प्लेटफॉर्म पर सत्यापित सेलर्स से ही खरीदें। चार्जर का केबल भी चेक करें; नकली केबल जल्दी टूटते हैं। अगर चार्जर बहुत सस्ता है, तो शक करें। फोन की वारंटी बचाने के लिए भी असली चार्जर जरूरी है, क्योंकि नकली चार्जर से डैमेज होने पर कंपनी वारंटी नहीं देती। बाजार में USB-C और फास्ट-चार्जिंग ट्रेंड बढ़ रहा है, लेकिन नकली चार्जर इन स्टैंडर्ड्स को फॉलो नहीं करते। सही चार्जर चुनकर आप अपने फोन की लाइफ बढ़ा सकते हैं और सेफ्टी भी सुनिश्चित कर सकते हैं।