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Sat, Dec 20, 2025

WhatsApp यूजर्स सावधान! एक वीडियो कॉल बना देगा कंगाल, भूलकर भी न करें ये काम

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व्हाट्सएप स्क्रीन मिररिंग स्कैम को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। साइबर अपराधी वीडियो कॉल के जरिए यूजर्स को फ्रॉड का शिकार बनाते हैं। इससे वित्तीय नुकसान, पहचान चोरी जैसे खतरे का सामना भी करना पड़ सकता है।
WhatsApp यूजर्स सावधान! एक वीडियो कॉल बना देगा कंगाल, भूलकर भी न करें ये काम

व्हाट्सएप मैसेजिंग, कॉलिंग, पेमेंट और अन्य कामों के लिए बड़ा माध्यम बन चुका है। लाखों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। अपराधी अलग-अलग तरीके से उपयोगकर्ताओं को स्कैम का शिकार बनाते हैं। मेटा प्लेटफ़ॉर्म पर वीडियो कॉल पर स्क्रीन शेयरिंग फीचर ऑफर कर रहा है। इन दिनों इस फीचर से जुड़े कई फ्रॉड के मामले सामने आए हैं।

हाल ही में “WhatsApp स्क्रीनिंग मिररिंग फ्रॉड” को लेकर वन कार्ड ने अलर्ट जारी किया है। बता दें कि कई बैंक भी ऐसे मामलों को लेकर चेतावनी जारी कर चुके हैं।यूजर्स को इसकी जानकारी होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे धोखाधड़ी से बचा जा सके। इन तरह के स्कैम में धोखेबाज व्हाट्सएप के जरिए स्क्रीन शेयरिंग को एक्टिव करने को कहते हैं। जिससे पर्सनल और कई जरूरी जानकारी (जैसे की ओटीप, बैंक डिटेल,  पर्सनल मैसेज पासवर्ड इत्यादि) का एक्सेस स्कैमर्स तक पहुंच जाता है। इसका गलत इस्तेमाल साइबर अपराधी कर सकते हैं।

कैसे होता है स्कैम?

स्कैमर्स किसी बैंक या वित्तीय कंपनी के कर्मचारी होने का दावा करते हैं। यूजर्स साइबर अपराधी पर भरोसा करते हैं और उनकी बात मान लेते हैं। अकाउंट में गड़बड़ी के नाम स्क्रीन शेयर करने को कहते हैं। फिर धोखेबाज स्क्रीन सही से न दिखने की बात कहते हैं और वीडियो कॉलिंग की मांग करते हैं। आपके डिवाइस स्क्रीन का एक्सेस उनके पास पहुंच जाता है। फिर वे सत्यापन का झूठा दावा कर बैंकिंग ट्रांजैक्शन शुरू करते हैं।

आप स्क्रीन पर लेनदेन के लिए जो ओटीपी या पिन डालेंगे, सभी की जानकारी स्कैमर्स तक पहुंचती रहेगी। इस जानकारी का इस्तेमाल बैंक अकाउंट में सेंध लगाने, पहचान चुराने और अन्य कामों के लिए किया जा सकता है। इसके जरिए स्कैमर्स आपके डिवाइस में की-लॉगर भी इनस्टॉल कर सकते हैं, जो वर्चुअल मोनिटर को ट्रैक करने वाला एक सॉफ्टवेयर है।  इसके जरिए वे बैंकिग पासवर्ड, सोशल मीडिया पास इत्यादि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इन बातों को का रखें ख्याल 

  • कॉलर की पहचान सत्यापित करने के बाद ही रिप्लाई करें। खासकर तब जब कोई बैंक, कार्ड कंपनी और सरकारी दावा करे। हमेशा विश्वसनीय व्यक्ति या संस्थान के साथ स्क्रीन शेयर करें।
  • अपने फोन का सॉफ्टवेयर नियमित तौर पर अपडेट करते हैं।
  • वित्तीय और बैंकिंग ऐप्स पर  टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को एक्टिव करें।
  • किसी भी असत्यापित सोर्स ने कोई भी ऐप इनस्टॉल न करें।