MP Breaking News
Mon, Dec 15, 2025

यूपी में खेल सामग्री उद्योग के लिए औद्योगिक क्लस्टर विकसित होंगे, उद्यमियों ने मांगा नीतिगत सहयोग और आधुनिक ढांचा

Written by:Saurabh Singh
औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022, एफडीआई पॉलिसी-2023 और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे ठोस लाभ उपलब्ध हैं। इन नीतियों के साथ औद्योगिक क्लस्टर न केवल खेल उद्योग को मजबूती प्रदान करेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
यूपी में खेल सामग्री उद्योग के लिए औद्योगिक क्लस्टर विकसित होंगे, उद्यमियों ने मांगा नीतिगत सहयोग और आधुनिक ढांचा

उत्तर प्रदेश अब खेल सामग्री निर्माण को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। मेरठ की मजबूत खेल उद्योग आधारशिला को केंद्र में रखकर, राज्य के अन्य हिस्सों में औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इस पहल से बेहतर बुनियादी ढांचा, रोजगार के नए अवसर, सुव्यवस्थित लॉजिस्टिक्स, निवेश में वृद्धि और निर्यात की संभावनाएं बढ़ेंगी, जिससे स्थानीय उद्यमियों को आधुनिक तकनीक और बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी।

बुधवार को इन्वेस्ट यूपी ने खेल सामग्री विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों और संगठनों के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद आयोजित किया। इस बैठक में स्पोर्ट्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन, फिक्की, मेरठ के खेल उद्यमी और इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। चर्चा का मुख्य उद्देश्य मेरठ के खेल उद्योग की ताकत को आधार बनाकर पूरे प्रदेश में इस क्षेत्र को विस्तार देना था। उद्यमियों ने सरकार से बेहतर नीतिगत सहयोग, आधुनिक ढांचे और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं की मांग रखी।

नीतिगत सहयोग और औद्योगिक क्लस्टर का वादा

इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों ने उद्यमियों को भरोसा दिलाया कि राज्य में औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022, एफडीआई पॉलिसी-2023 और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसे ठोस लाभ उपलब्ध हैं। इन नीतियों के साथ औद्योगिक क्लस्टर न केवल खेल उद्योग को मजबूती प्रदान करेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे। अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि ये प्रयास खेल सामग्री निर्माण को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और भविष्य की संभावनाएं

उत्तर प्रदेश में पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, खेल विश्वविद्यालय और 150 से अधिक ब्लॉक स्तरीय मिनी स्टेडियम मौजूद हैं, जो खेल उद्योग के लिए मजबूत आधार प्रदान करते हैं। इन सुविधाओं के साथ फिटनेस उपकरण और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कारोबार को भी गति मिलने की संभावना है। बैठक में अनमोल महाजन (मेटको स्पोर्ट्स), तहसीन जाहिद (कौशल विकास मंत्रालय), जय श्रीवास्तव, कनिष्क पांडे (फिक्की), सृष्टि सक्सेना (साई स्पोर्ट्स), धनंजय तेवथिया (नवीन ग्रुप स्पोर्ट्स), हिमांशु मेहता (जेकेसी स्पोर्ट), जागृति (एनईएस वाटर स्पोर्ट्स) और संजय कुमार (भल्ला इंटरनेशनल) जैसे उद्योग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।