MP Breaking News
Mon, Dec 15, 2025

पूर्व सांसद के ऐलान से कानपुर देहात की सियासत गरमाई, राज्यमंत्री के धरने पर बैठने की संभावना

Written by:Saurabh Singh
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब अकबरपुर नगर पंचायत के बदलापुर में सड़क निर्माण के मुद्दे पर एक भाजपा कार्यकर्ता पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके विरोध में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला 24 जुलाई को थाने में धरने पर बैठ गई थीं।
पूर्व सांसद के ऐलान से कानपुर देहात की सियासत गरमाई, राज्यमंत्री के धरने पर बैठने की संभावना

कानपुर देहात की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने अकबरपुर इंस्पेक्टर को हटाने की मांग को लेकर 2 सितंबर से एसपी कार्यालय पर धरने की घोषणा की है। उन्होंने इसकी अनुमति के लिए डीएम को पत्र लिखा है। वारसी ने दावा किया कि राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी इस धरने में उनके साथ शामिल हो सकती हैं। प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि मामले पर उच्च स्तर पर बात चल रही है, लेकिन अगर धरना जरूरी हुआ तो वह भी साथ बैठेंगी।

यह विवाद तब शुरू हुआ, जब अकबरपुर नगर पंचायत के बदलापुर में सड़क निर्माण के मुद्दे पर एक भाजपा कार्यकर्ता पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके विरोध में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला 24 जुलाई को थाने में धरने पर बैठ गई थीं। एसपी ने 24 घंटे में इंस्पेक्टर सतीश सिंह को हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन 36 दिन बीतने के बाद भी इंस्पेक्टर अपने पद पर बने हुए हैं। इस देरी से नाराज वारसी ने धरने का ऐलान किया है, जिससे स्थानीय सियासत में तनाव बढ़ गया है।

जनता के तानों से परेशान वारसी ने धरने को बताया आखिरी रास्ता

पूर्व सांसद ने बताया कि इंस्पेक्टर सतीश सिंह दो साल से सदर कोतवाली में तैनात हैं और उन पर कई आरोप हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और एसपी ने 24 घंटे में कार्रवाई का वादा किया था, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री के ओएसडी बघेल जी ने भी 27 जुलाई तक इंस्पेक्टर को हटाने की बात कही थी, पर यह वादा भी अधूरा रहा। नाराज जनता के तानों से परेशान वारसी ने धरने को आखिरी रास्ता बताया।

कानपुर देहात की राजनीति में फिर से हलचल

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि जब जिले के अन्य अधिकारी बदल दिए गए, तो इंस्पेक्टर को क्यों नहीं हटाया जा रहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि धरने की नौबत नहीं आएगी, लेकिन जरूरत पड़ी तो वह वारसी के साथ धरने पर बैठेंगी। यह मामला पहले भी चर्चा में रहा था, जब कुटुंब परिवार ने धरने की घोषणा की थी। इस बार वारसी के ऐलान ने कानपुर देहात की राजनीति में फिर से हलचल मचा दी है, और सभी की नजरें 2 सितंबर पर टिकी हैं।