उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया। सत्र में योगी सरकार ‘यूपी विजन डॉक्युमेंट’ पर विशेष चर्चा कराने की तैयारी में है, लेकिन पहले ही दिन विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान विधान भवन में कांवड़ लेकर पहुंचे। उनकी कांवड़ के एक छोर पर डॉ. भीमराव आंबेडकर और दूसरे पर डॉ. राम मनोहर लोहिया की तस्वीर लगी थी। कांवड़ पर लगे पोस्टरों में मांगें लिखी थीं— एक पर “हमें चाहिए पाठशाला” और दूसरे पर “नहीं चाहिए मधुशाला”।
हर चर्चा को तैयार
सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पक्ष और विपक्ष से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सकारात्मक माहौल में तथ्यपरक और गुणवत्तापूर्ण संवाद से ही जनता की समस्याओं का समाधान संभव है। सरकार की ओर से कहा गया कि वह हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। विपक्ष ने मांग की कि सदन की कार्यवाही लंबी चलाई जाए।
बड़े नेता रहे मौजूद
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, अपना दल (सोनेलाल) के राम निवास वर्मा, रालोद की मिथिलेश पाल, सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर, निषाद पार्टी के संजय निषाद, कांग्रेस की आराधना मिश्रा ‘मोना’, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह और बसपा के उमाशंकर सिंह मौजूद रहे।
सीएम योगी ने दी अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्ता पक्ष पूरा सहयोग करेगा। सदन की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गंभीर चर्चा से लोकतंत्र के प्रति जनता की आस्था बढ़ती है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास और जनकल्याण से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है और संसदीय परंपराओं के तहत सभी सदस्य अपने सुझाव व मुद्दे सदन में रखें।





