उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आई आपदा और भारी बारिश का असर नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल पर भी दिखने लगा है। भूस्खलन और मौसम विभाग के रेड अलर्ट की खबरों के बाद नैनीताल आने वाले पर्यटक पीछे हटने लगे हैं।
इसका सबसे ज्यादा नुकसान होटल कारोबार और स्थानीय व्यापारियों को हो रहा है। होटल एसोसिएशन के अनुसार अब तक करीब 95% बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं।
भारी बारिश और भूस्खलन की खबरों से पर्यटक डरे
हाल के दिनों में उत्तरकाशी समेत कुछ हिस्सों में हुई भारी बारिश और भूस्खलन की खबरें सामने आई हैं। इसके बाद मौसम विभाग ने रेड अलर्ट भी जारी किया।
इन घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर भूस्खलन के कई वीडियो और रील्स वायरल होने लगीं, जिससे पर्यटकों में डर का माहौल बन गया।
पर्यटक अब नैनीताल की ओर रुख करने से परहेज कर रहे हैं, जिससे वहां की पर्यटन अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा है।
होटल व्यवसाय को सबसे ज्यादा नुकसान, 95% बुकिंग रद्द
होटल एसोसिएशन नैनीताल के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने बताया कि बीते कुछ दिनों में करीब 95 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो गईं।
उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें और वीडियो चल रहे हैं, उन्होंने भ्रम फैला दिया है। जबकि नैनीताल और इसके आसपास के इलाके सुरक्षित हैं। जहाँ-जहाँ भूस्खलन हुआ है, वहाँ प्रशासन ने तुरंत राहत और मरम्मत कार्य शुरू कर दिए हैं।
साथ ही सुरक्षा बल भी सतर्कता के साथ तैनात हैं।”
पर्यटक बोले – सोशल मीडिया पर दिखाया कुछ और, हकीकत कुछ और
नैनीताल घूमने आए दिल्ली के पर्यटक सरबजीत ने कहा, “हमने सोशल मीडिया पर बहुत कुछ देखा था, लेकिन रास्ते में कहीं कोई खतरा नजर नहीं आया। यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित रही।”
वहीं मनप्रीत नाम की पर्यटक ने बताया, “रील्स देखकर डर लग रहा था, लेकिन यहां आने के बाद महसूस हुआ कि सब कुछ सामान्य है।”
इससे साफ है कि सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों का असर जमीन की हकीकत से काफी अलग है।
स्थानीय व्यापारी बोले – नैनीताल पूरी तरह सुरक्षित, भ्रम न फैलाएं
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि मानसून में आमतौर पर पर्यटक कम आते हैं, लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने पर्यटन पूरी तरह से ठप कर दिया है।
उनका कहना है, “नैनीताल सुरक्षित है, प्रशासन हर स्थिति पर नजर रखे हुए है। अब जरूरत इस बात की है कि सही जानकारी लोगों तक पहुंचे, ताकि भ्रम खत्म हो और लोग फिर से नैनीताल घूमने आएं।”





