उत्तराखंड में राजनीतिक माहौल में अफवाहों ने तूल पकड़ लिया—इन्हें रोकने के लिए भाजपा के राज्य अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने अपने ही नेताओं को स्पष्ट हिदायत दी है। पिछले कुछ दिनों से भाजपा की भीतरू स्थिति पर कई बयान सामने आए हैं—जिससे विरोधियों को राजनीतिक लाभ मिला। महेंद्र भट्ट ने कहा कि बिना पार्टी की मंजूरी के कोई बयान देना अनुशासनहीनता मानी जाएगी और भविष्य में इसे गंभीर माना जाएगा।
भट्ट ने स्पष्ट किया कि लड़ाई या शिकायत हो, वह पार्टी या सरकार के विधिक मंच पर ही रखी जानी चाहिए, सरकारी मामलों की बात मुख्यमंत्री या संबंधित मंत्री के पास हो। संगठनात्मक मुद्दे पार्टी नेतृत्व तक पहुंचें। कोई भी नेता या कार्यकर्ता अनावश्यक टिप्पणी से बचे—ऐसा आदेश जारी हुआ है।भारतीय जनता पार्टी की राज्य नेतृत्व स्तर पर बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें हाल के बयानबाजी के संदर्भ में चर्चा की गई।
समस्या की तह तक पहुंचना
भारतीय जनता पार्टी की राज्य नेतृत्व स्तर पर बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें हाल के बयानबाजी के संदर्भ में चर्चा की गई। प्रभावित नेताओं से मिलने की बात भी कही गई, ताकि समस्या को ठीक से समझा और सुलझाया जा सके। कुछ नेता, जैसे कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और अन्य, ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए—जिससे भ्रम की स्थिति बनी। इस दौरान महेंद्र भट्ट ने साफ कहा कि सार्वजनिक बयान से बचें, क्योंकि इससे सरकार भ्रम में पड़ सकती है।
अनुशासन, एकता और उद्देश्य
भट्ट ने पार्टी में अनुशासन बनाए रखने पर ज़ोर देते हुए कहा, पार्टी के सिद्धांत ‘देश पहले, संगठन दूसरे, व्यक्ति बाद में’ पर चलें। नेताओं को अपनी बात उचित मंच पर ही रखनी चाहिए, अनावश्यक बयानबाजी से बचें। भविष्य में ऐसी घटना दोहराई गई तो कड़ी कार्रवाई होगी—यह भी उन्होंने स्पष्ट कर दिया।





