उत्तराखंड के धराली में भयावह त्रासदी आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से आपात बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने धराली में हुई त्रासदी की ताज़ा जानकारी प्राप्त की। उन्होंने प्रशासन को “युद्धस्तर पर” राहत और बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए। इस बैठक के दौरान CM ने कई अहम फैसले लिए। सीएम धामी ने जिला स्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम खीर गंगा स्रोत क्षेत्र भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को तत्काल प्रभाव से डॉक्टरों की तैनाती सुनिश्चित करने का आदेश दिया। इसके अलावा सीएम धामी ने धराली के आसपास के क्षेत्रों में 108 एम्बुलेंस सेवा को हाई अलर्ट पर रखने और सभी चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल रद्द करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
तत्काल राहत कार्यों की रूपरेखा
SDRF, NDRF, ITBP और भारतीय सेना ने राहत कार्यों में भागीदारी की है। इसके अलावा सेना की Ibex ब्रिगेड सबसे पहले पहुंची। लगभग 70–80 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा चुके हैं, जबकि कई अन्य अभी भी लापता हैं। 108 एम्बुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर है और सभी चिकित्सा कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। इस दौरान ये भी खबरें आई हैं कि हर्षिल में सेना का कैंप भी चपेट में आया है जिसमें 8-10 जवान लापता बताए जा रहे हैं। धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए इंडियन एयरफोर्स ने कमर कस ली है. हेलीकाप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं.
मौसम और आईएमडी की चेतावनी
मौसम विभाग (IMD) ने पूरे उत्तराखंड में 5 अगस्त से 10 अगस्त तक भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इस बीच, चंपावत, पौड़ी, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखने का फैसला लिया गया है ताकि और पीड़ितों को बचाया जा सके। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CM धामी को फोन कर पूरी मदद का भरोसा दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने भी केंद्रीय एजेंसियों को त्वरित राहत दल भेजने के निर्देश दिए। कई समाचार एजेसियों के मुताबिक कम से कम चार लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं, उनकी खोजबीन जारी है
राहत और बचाव के कार्य जारी
हेयरपिन व संकीर्ण पहाड़ी रास्तों पर बचाव कार्य को बाधित कर रहा है, साथ ही मौसम खराब होने से ड्रोन/हेलीकॉप्टर संचालन भी प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन ने 3 वरिष्ठ IAS अधिकारियों को इस आपदा स्थल पर निर्देशित किया है। BSNL और Jio नेटवर्क बाधित है, वहीं बिजली लाइन टूटने से कनेक्टिविटी बाधित है, इसे रात तक बहाल करने के प्रयास जारी हैं। धराली में बादल फटने की घटना उत्तराखंड के लिए एक बड़ी प्राकृतिक आपदा का रूप ले चुकी है, जिसमें चार मौतें, 50 से अधिक लापता और बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है। CM पुष्कर सिंह धामी द्वारा बुलाी गई इमरजेंसी बैठक ने राहत और बचाव अभियान को एक ठोस दिशा दी है। केंद्रीय स्तर से भी तत्काल सहायता मिली है, और प्रशासन “युद्धस्तर पर जारी रखे हुए है।





