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Thu, Dec 18, 2025

60 सेकेंड में तबाह हुआ धराली, हादसे वाली जगह का हेलिकॉप्टर से सीएम धामी ने लिया जायजा

Written by:Vijay Choudhary
Published:
पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम धामी पुष्कर सिंह धामी को बुधवार को फोन किया। इस दौरान फोन कर के पीएम मोदी ने कहा कि हर हाल में पीड़ितों तक मदद पहुंचाई जाए।
60 सेकेंड में तबाह हुआ धराली, हादसे वाली जगह का हेलिकॉप्टर से सीएम धामी ने लिया जायजा

धराली का निरीक्षण करते सीएम धामी

उत्तराखंड के धराली में 60 सेंकेंड में कल जो तबाही हुई, जिसमें बाद उत्तराखंड की सरकार एक्शन में है। सीएम धामी ने जहां आपातकालीन मीटिंग अधिकारियों के साथ की तो दूसरी ओर सीएम धामी ने बुधवार को हेलिकॉप्टर से हादसे वाली जगह का निरीक्षण किया। उत्तराकाशी में मौसम का मिजाज आज भी खराब है। आज भी भारी बारिश का अनुमान जताया गया है, आसमान में बादल छाए हुए हैं. धराली में अभी भी रूक-रूक कर बारिश हो रही है, बावजूद इसके सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हादसे वाली जगह का निरीक्षण किया। धराली में हादसे के बाद से अब तक सिर्फ चार लोगों के शव मिले हैं, जबकि अभी सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने किया धामी को फोन

पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम धामी पुष्कर सिंह धामी को बुधवार को फोन किया। इस दौरान फोन कर के पीएम मोदी ने कहा कि हर हाल में पीड़ितों तक मदद पहुंचाई जाए। इसके अलावा सीएम धामी को हादसे वाली जगह का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। पीएम मोदी के निर्देश पर सीएम धामी ने हादसे वाली जगह का हेलिकॉप्टर के माध्यम से निरीक्षण किया। पीएम मोदी अभी तक करीब 6 से ज्यादा बार फोन करके हादसे के बारे में जानकारी ली है। पीएम मोदी खुद धराली हादसे को लेकर नजर रख रहे हैं। पीएम मोदी हादसे को लेकर सीएम धामी को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया, साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां भी मदद के लिए पहुंच रही है।

60 सेकेंड में तबाही का मंजर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 60 सेकेंड में वह मंजर बन गया जिसे लोग शायद जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे। ऊंचाई पर स्थित खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से आई बाढ़ ने देखते ही देखते कई घरों, होमस्टे और बाजार को अपने साथ बहा दिया। आफत ऐसी आई कि लोग भाग भी नहीं सके। चश्मदीद के मुताबिक मलबे में कई लोग दब गए। करीब 20–25 होमस्टे पूरी तरह से नष्ट हो गए, घटना के समय ग्रामीणों के पास भागने तक का समय नहीं था। हादसे के दूसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। लोगों को हादसे वाले जगह से निकालने प्रयास जारी हैं।

सेना और राहत दलों की रेस्क्यू मुहिम

जैसे ही घटना की सूचना प्रशासन तक पहुंची, NDRF, SDRF, ITBP और भारतीय सेना की टीमें तुरंत मौके पर रवाना कर दी गईं। कई लोगों को मलबे से निकाला गया है और अब तक 70 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। आईटीबीपी की टीम ने बताया कि उन्होंने 37 ग्रामीणों (22 पुरुष, 11 महिलाएं, 4 बच्चे) को सुरक्षित बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार भी दिया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर उच्च स्तरीय निगरानी के निर्देश दिए हैं और खुद देहरादून आपदा नियंत्रण कक्ष से स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। सीएम ने ट्वीट कर बताया कि सभी एजेंसियों को 24×7 अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है।

धराली बाजार और 50 इमारतें तबाह

उत्तराखंड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने जानकारी दी है कि “अब तक 40–50 इमारतों के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने की खबर है।” सबसे अधिक तबाही धराली के मुख्य बाजार क्षेत्र में हुई है, जहां कई होटल, दुकानें और घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवाओं को फिलहाल रोका गया है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है। बावजूद इसके, जमीनी स्तर पर राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है।

7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और देहरादून जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जिससे भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा लगातार बना हुआ है। राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर कक्षा 1 से 12 तक के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही, सभी जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं।

पीएम और गृह मंत्री से मिला आश्वासन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बलों को अतिरिक्त संसाधन देने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी बयान जारी कर कहा कि, “प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड के लोगों के साथ खड़े हैं। दुख की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरा सहयोग देगी।” उत्तराखंड की धरती एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की मार झेल रही है। धराली की त्रासदी ने एक बार फिर बताया है कि कैसे जलवायु परिवर्तन और पहाड़ी इलाकों की नाजुक भौगोलिक स्थिति मिलकर कहर बरपा सकते हैं। फिलहाल, प्रशासन से लेकर सेना तक सभी एजेंसियां जान बचाने और सामान्य स्थिति बहाल करने में जुटी हैं