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Wed, Dec 17, 2025

प्राकृतिक आपदा को धार्मिक नजरिए से जोड़ने पर विवाद, सपा नेता डॉ. एसटी हसन के बयान पर हंगामा

Written by:Vijay Choudhary
Published:
प्राकृतिक आपदा को धार्मिक नजरिए से जोड़ने पर विवाद, सपा नेता डॉ. एसटी हसन के बयान पर हंगामा

समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन एक बार फिर विवादों में हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सांसद रह चुके हसन ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आई हालिया प्राकृतिक आपदाओं को धार्मिक स्थलों पर की गई बुलडोजर कार्रवाइयों से जोड़ दिया, जिससे नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

उन्होंने कहा, “उत्तराखंड और हिमाचल में दूसरे मज़हब का कोई सम्मान नहीं किया जा रहा है। किसी भी धार्मिक स्थल पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए। इस दुनिया को चलाने वाला कोई और है, और जब उसका इंसाफ होता है, तो इंसान कहीं से भी खुद को नहीं बचा सकता।” इस बयान के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।

बीजेपी ने बताया “जख्मों पर नमक”, सपा पर साधा निशाना

डॉ. हसन के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि
“प्राकृतिक आपदाएं पूरी मानवता के लिए दुखद होती हैं। इस समय ज़रूरत संवेदना की है, न कि नफरत फैलाने की। डॉ. हसन का बयान जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।”

उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी ऐसे नेताओं को दंडित करने की जगह प्रोत्साहित करती है, जो बेहद शर्मनाक है। भाजपा ने सपा से इस बयान पर माफी मांगने और कार्रवाई की मांग की है।

बुलडोजर कार्रवाई पर पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान

यह पहला मौका नहीं है जब डॉ. हसन ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर बयान दिया हो। सितंबर 2024 में जब सुप्रीम कोर्ट ने बिना नोटिस के बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई थी, तब भी हसन ने कहा था कि यह कार्रवाई अधिकतर मुसलमानों के खिलाफ हो रही थी, और यह लोकतंत्र के खिलाफ है।

उन्होंने तब भी कहा था कि यह देश राजशाही से नहीं, कानून से चलता है, और बिना कानूनी प्रक्रिया के किसी की संपत्ति पर बुलडोजर चलाना पूरी तरह गलत है।

उत्तरकाशी में भारी तबाही, राहत कार्य जारी

डॉ. हसन का यह बयान ऐसे समय आया है जब उत्तराखंड और हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से लोग परेशान हैं। 5 अगस्त को उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है।

खीरगंगा और आसपास के इलाकों में बाढ़ और मलबे के कारण कई घर और होटल तबाह हो गए हैं। अब तक 5 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोग लापता होने की पुष्टि हुई है। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें लगातार काम कर रही हैं। लोगों का मानना है कि इस संवेदनशील समय में धार्मिक आधार पर बयानबाज़ी करना अनुचित है और नेताओं को ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए।