देहरादून में सोमवार को राजनीति का पारा चढ़ गया, जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी पर पीएम मोदी की माता को लेकर कथित अनुपयुक्त टिप्पणी का विरोध करते हुए कांग्रेस मुख्यालय की तरफ कूच किया। दोपहर करीब तीन बजे लैंसडाउन चौक से भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ता निकले। उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की और सार्वजनिक माफी की मांग उठाई। मार्च बढ़ता गया और राजपुर रोड पर जगह-जगह तकरार हुई।
एस्ले हाल चौक पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं ने धक्का देकर कई जगह आगे तक पहुँच बनाई। राजपर रोड पर करीब डेढ़ घंटे तक सड़क जाम रही, हल्की बारिश के बीच माहौल बहुत तनावपूर्ण था। बाद में कांग्रेस कार्यकर्ता भी उतरे और दोनों दलों के लोग आमने-सामने आ गए। महिला कार्यकर्ताओं की भागीदारी ने जंग में नई धार ला दी। यह टकराव शांति से नहीं, बल्कि कड़ा विरोध बनकर सामने आया।
प्रशासन और सिटी मजिस्ट्रेट की टेंशन
सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह मौके पर आए और बीच-बचाव करते रहे। पुलिसकर्मी बार-बार सेना-सी तरह दोनों पक्षों को अलग करने में जुटे। राजपुर रोड पर भारी ट्रैफिक का हाल हो गया था। जनता को बहुत दिक्कतें उठानी पड़ीं। भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री की माता पर की गई टिप्पणी केवल राहुल गांधी तक सीमित नहीं— बल्कि यह पूरे देश की मातृशक्ति का अपमान है। पार्टी ने माफी की मांग करते हुए सार्वजनिक तौर पर इसे ‘भारतीय संस्कृति का उल्लंघन’ करार दिया।
कांग्रेस का पक्ष और आरोप
कांग्रेस नेताओं ने इस प्रदर्शन को भाजपा की राजनीतिक हरकत बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे को तूल देकर ध्यान भटका रही है और लोकतंत्र में हड़कंप मचा रही है। राजनीतिक मोर्चों पर दोनों दलों ने आरोपों और प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू कर दिया। यह घटना सिर्फ सड़कों की नारेबाज़ी नहीं थी, बल्कि इसका असर व्यापक रूप से मीडिया, सोशल नेटवर्क, और राजनीतिक समीकरणों पर दिखा। इससे जुड़े वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं, और सार्वजनिक गणमान्य लोगों में भी इस मुद्दे पर चर्चा तेज हुई।





