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Thu, Dec 18, 2025

रुड़की के BJP पार्षद मनीष बॉलर पर STF ने लगाया चेक, जमीन बिकवाली में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

Written by:Vijay Choudhary
Published:
रुड़की के BJP पार्षद मनीष बॉलर पर STF ने लगाया चेक, जमीन बिकवाली में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

stf arrested bjp councilor in land fraud case

हरिद्वार जिले के रुड़की से बड़ी खबर सामने आई है, उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने भाजपा पार्षद मनीष बॉलर को भूमि फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह मामला स्थानीय राजनीति और भूमि संबंधी विवादों में बड़ी हलचल पैदा कर रहा है।एसटीएफ की टीम ने पार्षद मनीष उर्फ बॉलर से लंबी पूछताछ की। इसके बाद एसटीएफ निरीक्षक नंद किशोर भट्ट ने गंगनहर कोतवाली पुलिस को एक तहरीर सौंपी। तहरीर में साफ लिखा गया था कि उन्हें एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ था।

मनीष बॉलर, जो कि नगर निगम वार्ड नंबर 38 के पार्षद हैं, पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज़ बनाकर जमीन की फर्जी बिक्री की योजना बनाई। STF को शक था कि इस कार्य में पार्षद के साथ कुछ अन्य लोग भी शामिल थे, जो जमीन कब्जाने और बेचने के अवैध खेल में सक्रिय थे। STF ने मनीष बॉलर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। यह FIR पहले ही दर्ज की जा चुकी थी—अब STF ने जांच को गहराई से आगे बढ़ाया है। पार्षद पर यह संदेह है कि उन्होंने दस्तावेजों को गलत तरीके से तैयार कर जमीन संपत्ति को बेचने का प्रयास किया।

जुड़ाव, विरोध और तनाव

इस मामले से यह भी उजागर हुआ कि मनीष बॉलर का एक विवादित गैंग—प्रवीण वाल्मीकि गैंग—से सम्बन्ध है। कहा जा रहा है कि इस गठजोड़ के चलते पार्षद भूमि विवादों में लिप्त रहे। उनकी गिरफ्तारी के बाद वाल्मीकि समुदाय के कुछ लोग विरोध जताने रुड़की के गंगनहर कोतवाली पहुंचे, जहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस को विशेष सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। STF की यह कार्रवाई यह साफ संदेश देती है कि राजनीति या सामाजिक स्थिति आपको कानून से ऊपर नहीं रखती।

समाज पर इसका असर

लोगों में यह विश्वास बढ़ेगा कि यदि कोई गलती करता है, तो कानून उस तक पहुंचता है, भले ही वह पद पर हो या नहीं। साथ ही, भूमाफिया जैसी गतिविधियों पर रोकने में यह बड़ी पहल साबित हो सकती है। रुड़की में भाजपा पार्षद की गिरफ्तारी के बाद माहौल गरम हो गया। बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंचे और हंगामा करने लगे। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने समझदारी से काम लेते हुए भीड़ को शांत किया और उन्हें वापस भेज दिया।