उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी खुद को मजबूत बनाने में जुट गई है। पार्टी नेतृत्व ने संगठन सृजन कार्यक्रम शुरू कर दिया है, जिसमें नगर अध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के लिए कार्यकर्ताओं से राय ली जा रही है। रुद्रपुर में आयोजित रायसुमारी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे। पार्टी ऐसे कार्यकर्ता को मौका देना चाहती है, जो लंबे समय से पार्टी से जुड़कर काम कर रहा हो।
रुद्रपुर में रायसुमारी, कार्यकर्ताओं ने दी अपनी राय
रुद्रपुर के काशीपुर बाइपास स्थित होटल में महानगर अध्यक्ष पद के लिए रायसुमारी कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें AICC से आए पर्यवेक्षक डॉ. नरेश कुमार ने कार्यकर्ताओं से एक-एक करके राय जानी। कई दावेदारों ने पत्र देकर अपनी दावेदारी पेश की। पार्टी ने स्पष्ट किया कि इस बार संगठन में उस कार्यकर्ता को मौका दिया जाएगा, जो पार्टी और कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से खड़ा होकर 2027 के चुनाव में जीत दिलाने में मदद कर सके।
6 सदस्यीय पैनल बनेगा, 14 सितंबर तक रिपोर्ट
डॉ. नरेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कार्यकर्ताओं की राय लेकर छह लोगों का पैनल तैयार किया जाएगा। इसे AICC की बैठक में 14 सितंबर तक भेजा जाएगा। मंगलवार को दावेदारों से अलग-अलग मुलाकात कर उनकी क्षमताओं को परखा जाएगा। उन्होंने कहा कि महानगर अध्यक्ष वही बनेगा, जो पार्टी के साथ पूरी ताकत से खड़ा हो और चुनाव जीतने की रणनीति में मदद कर सके। संगठन में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया गया।
नाराजगी, हंगामा और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
बैठक में कुछ कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई। पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ का फोटो फ्लेक्स में न होने और व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा व विजय यादव को मंच पर न बुलाने को लेकर हंगामा हो गया। माहौल इतना गरम हुआ कि कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शिकायत शीर्ष नेतृत्व तक भेजी जाएगी।
तीन चुनावों में हार, कांग्रेस की परीक्षा
कांग्रेस पिछले तीन विधानसभा चुनाव हार चुकी है। 2012 और 2017 में बीजेपी के राजकुमार ठुकराल और 2022 में शिव अरोड़ा ने कांग्रेस उम्मीदवारों को हराया। किच्छा और रुद्रपुर सीटें 2012 में अलग होने के बाद से कांग्रेस को जीत नहीं मिली। अब 2027 का चुनाव कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। संगठन में बदलाव और कार्यकर्ताओं की राय लेकर पार्टी खुद को मजबूत कर जीत का रास्ता तलाश रही है।





