भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। फोटोग्राफी एक कला है। यूं तो आज मोबाइल ने हर किसी को फोटोग्राफर बना दिया है। लेकिन शौकिया और प्रोफेशनल फोटोग्राफी में खासा अंतर होता है। ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप दुनियाभर में अपने शौक के अनुसार चीजों को कैमरे में कैद कर सकते हैं। इसके लिए लाइटिंग, कैमरा एंगल, लोकेशन सहित अन्य कई तकनीकी मामलों की जानकारी होनी चाहिए। इसके कई प्रोफेशनल कोर्स भी होते हैं और ये एक बेहतरीन करियर ऑप्शन भी है।
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अगर हम बात करें वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी की..तो इसकी काफी बड़ी रेंज है। इसमें बर्ड फोटोग्राफी, बटरफ्लाई फोटोग्राफी, एनिमल, नेचर सहित कई विषयों का समावेश होता है। वन्यजीवन फोटोग्राफी एक रोमांचक लेकिन चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसमें सब्जेक्ट यानी पशु या पक्षी हमारी मर्जी से नहीं चलते। हमें उनकी मर्जी का इंतजार करना होता है और कई बार सैंकड़ों फोटो खींचने के बाद एक ढंग का शॉट मिलता है। इसमें फोटोग्राफर या वीडियोग्राफर को वन्यजीवन से प्रेम और उसकी जानकारी होना जरुरी है। साथ ही चाहिए ढेर सारा सब्र। जीव जंतुओं के व्यवहार को समझते हुए उनकी फोटो खींचना और उन्हें डिस्टर्ब भी नहीं करना, बहुत जरुरी है।
आज हम आपको एक बहुत की क्यूट वीडियो दिखाने जा रहे हैं। इसमें एक बर्ड को शूट किया गया है। हमने की बार अपने घरों में देखा है कि छोटे बच्चों को हम अक्सर ही कैमरे के सामने बैठा देते हैं और फिर उन्हें पोज़ देने को कहते हैं। शुरु शुरु में तो बच्चों को भी मजा आता है लेकिन कुछ समय बाद वो इससे बोर हो जाते हैं। ऐसे में कैमरा देखते ही उनके हाव भाव और मुद्राएं बदल जाती है। ये चिड़िया भी कुछ ऐसी ही लग रही है..जैसे कैमरे को पोज़ दे देकर थक गई हो। हम देखते हैं कि एक कैमरा चिड़िया के कोटर की तरफ है और शूटिंग शुरु की जा रही है। अब कैमरे में हमें उस चिड़िया के नाज़ नखरें दिख रहे हैं। वो कैमरे को देखते हुए उबासी ले रही है और उसकी आंखें कुछ इस मुद्रा में फैली है कि ‘फिर आ गए मेरी फोटो खींचने।’ वो धीरे धीरे पीछे हटती है..अगले शॉट में उसके साथ एक और चिड़िया होती है। ये बहुत ही सुंदर और दुर्लभ दृश्य है और हमें यकीन है इसे देखकर आपका भी दिन बन जाएगा।
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