Failed student put poster on his back : परीक्षाओं और रिजल्ट्स का समय चल रहा है। ये ऐसा वक्त होता है जब सिर्फ छात्र ही नहीं, पेरेंट्स भी काफी प्रेशर में होते हैं। पहले परीक्षाओं का लोड और उसके बाद रिजल्ट की टेंशन। रिजल्ट आने के बाद भी मुसीबत खत्म नहीं होती। अब हर कोई पूछता है कितने नंबर आए, कौन सा ग्रेड आया, कौन सी क्लास में पहुंच गए।
ये सवाल उन छात्रों को तो अच्छा लगता है जो मेरिट लिस्ट में आते हैं या फिर जिनकी पढ़ाई में बहुत रूचि है। लेकिन सारे तो ऐसे नहीं होते। तो वो छात्र जिनके नंबर कम आए हैं या फिर जो फेल हो गए हों, ये सवाल उनके लिए किसी अज़ाब से कम नहीं। एक तो खराब रिजल्ट का दुख उसपर ये पूछ पूछकर घाव पर नमक छिड़कने वाले लोग। जब बाहरवाले रिजल्ट को लेकर सवाल करते हैं तो ऐसे बच्चों के घरवालों का गुस्सा फिर से कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए एक ही बात पर उन्हें बार बार डांट सुननी पड़ती है।