भोपाल। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सफाया करने में कामयाब हुई बीजेपी की नजरें अब नगरीय निकाय चुनाव पर टिकी हैं। 29 में से 28 सीटोंं पर मिली फतह के बाद पार्टी नेता गदगद हैं। नवंबर-दिसंबर में अब नगरीय निकाय चुनाव होना है। उससे पहले पार्टी में बड़े स्तर पर संगठन में फेरबदल किया जाना है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक ग्वालियर में नगरीय चुनाव से पहले पार्टी जिलाध्यक्ष, मोर्चा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को हटाया जा सकता है।
दरअसल, स्थानीय राजनीति में बड़ा फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के कहना है कि पार्टी संगठन में बदलाव करना चाहती है। जिससे इन चुनाव में भी बेहरतर प्रदर्शन किया जा सके। जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा एवं ग्रामीण जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र जैन सहित मोर्चा -प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। पार्टी का मानना है कि नए जिलाध्यक्षों के ऐलान के साथ इन पांच महीनों में एक नई टीम खड़ी की जा सकती है। संगठन को और अधिक मज़बूती मिल सकती है।