भोपाल। राजधानीवासियों की बदकिस्मती है या उनके चयन की महा गल्ती कही जा सकती है, जो उन्होंने एक ऐसे इंसान को अपना नेता चुनकर संसद में भेज दिया है, जो आतंकवाद को सत्य और अमन-सुकून की मूरत को गलत करार देने पर उतारू है। भाजपा की आपसी नूरा कुश्ती का नतीजा है, जो उनकी एक नेता लगातार गांधी जी के हत्यारे को महापुरुष साबित करने में जुटी हुई है। भाजपा यह बात स्पष्ट करे कि अगर गोडसे देशभक्त है तो फिर वह गांधी जी को क्या मानती है, जिन्होंने अपनी जिंदगी देशसेवा और आजादी के लिए बिता दी।
राजधानी भोपाल में गुरूवार को सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान को लेकर तीखा नजारा दिखाई दिया। पुराने भोपाल के बुधवारा चौराहा पर हुए प्रदर्शन के दौरान विधायक आरिफ मसूद ने भाजपा सांसद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक आतंकवादी ही दूसरे आतंकी की तरफदारी कर सकता है। आतंकवाद के आरोपों में सजायाफ्ता रहीं प्रज्ञा को भाजपा ने पिछले दरवाजे से अपनी भड़ास निकालने के लिए खुला छोड़ रखा है। यही वजह है कि पहले भी उनके बयान को लेकर पार्टी ने कोई गंभीर कदम नहीं उठाया। इस बार तो हद यह है कि प्रज्ञा अपनी बकवास संसद की पवित्र दहलीज पर कहने से भी नहीं चूक रहीं और भाजपा के कर्णधार खामोश होकर बैठे हुए हैं। देर तक चले प्रदर्शन के दौरान नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष मोहम्मद सगीर, पार्षद रईसा मलिक, रफीक कुरैशी सहित बड़ी तादाद में आमजन मौजूद थे।