भोपाल| देश भर में गौरक्षा के नाम पर बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए मध्यप्रदेश सरकार कानून बनाने जा रही है। गौवंश के नाम पर खुद को गौरक्षक बताकर हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामले में किसी शख्स कोगिरफ्तार किया जाता है तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल की सजा और 25,000 से 50,000 तक जुर्माना देना पड़ेगा। राज्य सरकार ने मप्र गौवंश वध प्रतिषेध कानून में संशोधन प्रस्तावित किया है, जिसे बुधवार को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब विधेयक विधानसभा पटल पर रखा जाएगा।
इस विधेयक को सरकार विधान सभा के मानसून सत्र में पेश कर पारित कराना चाहती है। पशुपालन विभाग के अफसरों का दावा है कि ऐसा करने वाला प्रदेश अकेला राज्य है। देश भर में गौवंश परिवहन के दौरान हिंसक घटनाएं हो रही हैं, प्रदेश में भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं| गौवंश की रक्षा के नाम पर लोग हिंसक हो जाते हैं। वाहन में आग लगा देते हैं और चालक-क्लीनर से मारपीट करते हैं। कई मामलों में चालकों की मौत तक हो जाती है। इन घटनाओं को रोका जा सके इस उद्देश्य से कड़े कानून की जरूरत है| जिसके चलते नए कानून में लोग गौवंश की रक्षा के नाम पर हिंसक वारदात नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने पर उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। इस प्रताव में समूह बनाकर हिंसा करने, किसी को इस तरह की हिंसा के लिए उकसाने और हिंसा का प्रयत्न करने पर सजा का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, ऐसे अपराध में दोबारा पकड़े जाने पर सजा भी दोगुनी हो जाएगी।