भोपाल। कमलनाथ सरकार के शासन मे पहली बार पावर सेक्टर ने नई उपलब्धि हासिल की है| मध्य प्रदेश के पावर सेक्टर के इतिहास में नवंबर 2019 का महीना मील के पत्थर के रूप में दर्ज हो गया है। नवंबर में राजस्व संग्रह रुपए 2017 करोड़ का हुआ है जो कि गत वर्ष (नवंबर 2018) की तुलना में 413 करोड अधिक है। इस प्रकार लगभग 26 प्रतिशत अधिक राजस्व मिला है जो कि अब तक का प्रदेश का सर्वाधिक राजस्व संग्रह है। यह उपलब्धि हासिल करने पर ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने प्रदेश के उपभोक्ताओं और बिजली कंपनी के कर्मियों को बधाई दी है
गौरतलब है कि गत वर्ष (2018) में जुलाई से नवंबर की तुलना इस वर्ष (2019) में से की जाए तो इन महीनों में 1687 करोड़ का अधिक राजस्व संग्रह प्रदेश को मिला है। इसी प्रकार प्रति यूनिट नगद राजस्व वसूली गत वर्ष 2.34/- पैसे की तुलना में इस वर्ष नवंबर में रुपए 4.14/- (चार रुपये चौदह पैसे) हो गई है जो कि गत वर्ष के नवंबर से 77 प्रतिशत अधिक है। यहां उल्लेखनीय है कि प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों ने राजस्व संग्रह में अब तक का उत्कृष्ट योगदान दिया है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नवंबर 2019 में 596 करोड़ रुपए, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 587 करोड़ रुपए एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 834 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह किया गया । पिछले वर्ष इसी अवधि में पूर्व क्षेत्र कंपनी द्वारा 452 करोड़ रुपए, मध्य क्षेत्र कंपनी द्वारा 488 करोड रुपए एवं पश्चिम क्षेत्र कंपनी द्वारा 664 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रह किया गया था। इस नवंबर माह में पूर्व क्षेत्र कंपनी द्वारा 31.71 प्रतिशत, मध्य क्षेत्र कंपनी द्वारा 20.38 प्रतिशत व पश्चिम क्षेत्र कंपनी द्वारा 25.63 प्रतिशत अधिक राजस्व संग्रह किया गया जो कि कंपनी गठन के बाद किसी एक माह में सर्वाधिक है।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह, अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) मोहम्मद सुलेमान और एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक नीतेश व्यास ने प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ ही बिजली कंपनियों के सभी कार्मिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राज्य शासन ने कहा है कि प्रदेश में आबादी को 24 घंटे और किसानों को घोषित अवधि में 10 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार कृत संकल्पित है।