भोपाल।
कमलनाथ सरकार प्रदेशवासियों को एक और बड़ी सौगात देने जा रही है। खबर है कि रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को सरकार टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जल्द ही नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को प्रस्ताव भेजा जाएगा ।हालांकि यह कवायद 11 साल पहले साल 2007-08 से चल रही है। तब एनटीसीए ने रिजर्व बनाने के लिए सैद्घांति अनुमति भी दे दी थी, लेकिन तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मना कर दिया था।जिसके बाद मामला वही अटक गया, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तित होते ही एक बार फिर उम्मीद जागी है।
दरअसल, वन मंत्री उमंग सिंघार ने शुक्रवार शाम एनटीसीए के सदस्य सचिव डॉ. अनूप नायक से बातचीत की है।एनटीसीए के सदस्य सचिव अनूप नायक ने शुक्रवार को समरधा रेंज और रातापानी अभयारण्य का निरीक्षण किया। उन्होंने अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए अनुकूल बताया है। साथ ही वाइल्ड लाइफ बाेर्ड के माध्यम से प्रस्ताव भेजने के कहा है। इस पर सिंघार ने कहा कि उनकी सरकार अभयारण्य को रिजर्व बनाने के लिए तैयार है, इस पर जल्द काम शुरु किया जाएगा।अब प्रस्ताव मिलने के बाद एनटीसीए विधिवत तरीके से सभी मापदंडों पर जांच करेगा। इस दौरान डॉ. अनूप नायक ने वन विहार नेशनल पार्क को दो लायन देने की सहमति भी दे दी है। बता दें कि वन विहार में असम व अन्य स्थानों से दो लायन लाए जाने हैं। इसको लेकर सहमति नहीं मिल रही थी।
भोपाल फॉरेस्ट सर्किल के चीफ कंजरवेटर एसपी तिवारी ने बताया कि एनटीसीए के सदस्य सचिव नायक ने कहा कि भोपाल के नजदीक रातापानी अभयारण्य का जंगल कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व से भी बेहतर है। रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति तो मिल चुकी है, जल्दी नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।