इस सीट पर बीजेपी को लग सकता है झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री की साख दांव पर

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भोपाल/मंडला।  मध्य प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव भी रोचक होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव में बने बिगड़े समीकरणों से राजनीतिक दलों में चिंता है। प्रदेश के पूर्वी अंचल में बसे आदीवासी संसदीय क्षेत्र मंडला में इस बार टक्कर का मुकाबला देखने को मिलेगा। आम चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मंडला और डिंडौरी संसदीय क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य हैं। विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस अपने प्रदर्शन से काफी खुश है। कांग्रेस आम चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। वहीं, बीजेपी को आदिवासी वोटबैंक खिसकने का डर सता रहा है। 

यहां से बीजेपी के वरिष्ठ नेता फग्गन सिंह कुलस्ते सांसद हैं। वह पांच बार से सांसद हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार से ये साफ हो गया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में राह आसान नहीं है। मंडला लोकसभा की आठ विधानसभाओं में से कांग्रेस ने 6 पर जीत हासिल की है। बीजेपी को सिर्फ दो सीटें मिली हैं। यही नहीं कांग्रेस ने इन सीटों पर बड़े अंतर से चुनाव जीता है। ऐसे ही नतीजे दूसरे आदिवासी इलाकों से भी मिले। मंडला की अगर बात करें तो यहां 57 फीसदी आदिवासी आबादी है और 64 फीसदी डिंडौरी में। आदिवासी वोटबैंक लंबे समय से बीजेपी का रहा है। लेकिन इस बार कांग्रेस की ओर झुकाव ने बीजेपी संगठन की चिंता बढ़ा दी है। फग्गन सिंह इस लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं। पहले संसदीय मामलों के राज्य मंत्री और बाद में आदिवासी मामलों के रूप में वह मंत्री रह चुके हैं। मोदी सरकार में भी वह केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। लेकिन बाद में उनसे इस्तीफा मांग लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक उनके खिलाफ काफी शिकायतें मिल रही थीं। खासतौर से मोडिकल कॉलेज संबंधित मामले में। उनका नाम ‘नोट फॉर वोट’ घोटाले में भी सामने आया था। हालांकि, वह बीजेपी के बड़े आदिवासी नेताओं में गिने जाते हैं । 


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