सीएम की लेटलतीफी से रुका रहा शहीद का अंतिम संस्कार

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जबलपुर। राजनेताओं का समय पर न पहुंचना कोई नई बात नहीं और ज्यादातर राजनेता इस बात के लिए बदनाम हो चुके हैं। लेकिन जब मौका देश  के लिए प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूत की विदाई का हो तब कम-से-कम राजनेताओं से समय पर पहुंचने की उम्मीद की जाती है। लेकिन शनिवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर के सिहोरा के खुडावल गांव में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए अश्विनी कुमार का अंतिम संस्कार सिर्फ इसलिए देरी से हुआ क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ तय समय पर वहां नहीं पहुंच पाए। 

वीर शहीद का पार्थिव शरीर रखा रहा और इंतजार होता रहा कि मुख्यमंत्री आकर  श्रद्धांजलि देंगे। मुख्यमंत्री के इस रवैये से नाराज लोगों ने नारेबाजी भी की और  कमलनाथ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने लोगों को समझा बुझाकर शांत किया और जब कमलनाथ आए और उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की उसके बाद ही शहीद का अंतिम संस्कार हो सका। मुख्यमंत्री कमलनाथ के देरी से पहुंचने से उनके रवैये पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर शहीद के अंतिम संस्कार से अधिक क्या जरूरी काम हो सकता है। 


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