यहां भाजपा के मंच पर दिखी गुटबाजी, नेताओं की नाराजगी ने बढ़ाई चिंता

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भोपाल| भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपने गढ़ बचाने के लिए ताकत झोंक दी है, लेकिन गुटबाजी ने पार्टी की परेशानी बढ़ा रखी है|  इंदौर में भाजपा को भितरघात एवं गुटबाजी का खतरा ज्यादा है। इंदौर से भाजपा ने इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष शंकर ललवानी को प्रत्याशी ब���ाया है। ललवानी को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पंसद माना जा रहा है। क्योंकि शिवराज ने ही ललवानी को इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था। यह बात अलग है कि इंदौर सीट पर प्रत्याशी तय करने में भाजपा हाईकमान को सबसे ज्यादा मंथन करना पड़ा। भाजपा प्रत्याशी की नामांकन रैली में पार्टी नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी सामने आई। नामांकन रैली के बहाने भाजपा ने चुनाव को उत्सवी माहौल देने की कोशिश की लेकिन इस माहौल में कई दृश्य राजनीति से अलग नजर आए। 

मंच पर सांसद सुमित्रा महाजन पूरे समय बैठी रहीं, लेकिन उन्होंने भाषण नहीं दिया। दो बार उनका नाम पुकारा गया, लेकिन उन्होंने हाथ उठाकर सिर्फ इतना कहा कि मेरा आशीर्वाद साथ है। रैली की शुरुआत से पहले तमाम नेता भाषण दे रहे थे। जिराती ने मंच से ऐलान किया कि लालवानी को ताई का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। जिराती ने महाजन को बोलने के लिए बुलाया तो उन्होंने हाथ से इशारा कर इंकार कर दिया। महापौर मालिनी गौड भी अलग-अलग नजर आईं। शिवराज सिंह चौहान के भाषण के बाद नेता भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी के साथ रथ पर सवार हो गए। रथ पर मालिनी को छोड़कर तीनों विधायक थे। वे महालक्ष्मी मंदिर के सामने खड़ी रहीं। रथ से दो-तीन नेताओं ने बुलाना भी चाहा, हालांकि मालिनी कलेक्टर कार्यालय में नजर आईं। सांसद महाजन भी रथ पर सवार नहीं हुई और न ही कलेक्टर कार्यालय में नजर आईं। भाजपा का नामांकन जुलूस एक इवेंट की तरह नजर आ रहा था। आदिवासी नृत्य, मांदल की थाप, घोड़े, बग्घी थे। कुछ नेता रैली पर नजर रखे हुए थे। सुमित्रा महाजन और मालिनी दोनों ही टिकट के दावेदार थे, जिस तरह का घटनाक्रम इंदौर में चला है इससे दोनों ही नेत्रियों की नाराजगी खुलकर नहीं दिख रही, लेकिन अंदरखाने इसके जबरदस्त चर्चा है| 

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