क्या हवा में बरामद किए सैकड़ो मोबाइल, DIG के सवाल पर सकपका गए क्राइम ब्रांच के अधिकारी

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भोपाल। बुधवार दोपहर को पुलिस कंट्रोल रूम में डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने क्राइम मीटिंग ली। जिसमें उन्होंने क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को नकबजनी और लूट की वारदातों को लेकर सक्रीय रहने की हिदायत दी। वहीं लॉस्ट मोबाइल युनिट के नाम पर निचले स्तर के पुलिसकर्मियों द्वारा की जाने वाली उगाई को लेकर नाराजगी जाहिर की। पुलिस सूत्रों की माने तो डीआईजी ने साफ कहा की सैकड़ो मोबाइल हवा में बरामद करना संभव नहीं है। जिन लोगों को चोरी के मोबाइल अथवा गुम मोबाइल इस्तमाल पकड़ा जाता है। उनके खिलाफ कार्रावाई की जानी चाहिए। 

जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच इन दिनों डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी की रडार पर है। यहां वर्षों से जमे मठाधीश पुलिसक र्मियों की सूची तैयार की जा रही है। जिसके बाद में क्राइम ब्रांच से छटनी शुरू की जाएगी। दरअसल यहां पुलिसवालों द्वारा लगातार अपराधियों से साठ गांठ की शिकायतें डीआईजी को मिल रही थीं। सर्वाधिक शिकायतें लॉस्ट सेलफोन युनिट के नाम पर चल रहे गौरख धंधे की हैं। समय-समय पर सैकड़ो गुम मोबाइल बरामद लोगों को लौटाए जाते हैं। मोबाइल किससे और कैसे बरामद किए गए इस बात का जवाब क्राइम ब्रांच अधिकारियों के पास नहीं होता। शहर की क्राइम ब्रांच टीम हर साल 6 सौ से 8 सौ के करीब गुम और चोरी गए मोबाइल ट्रेस कर लोगों को लौटाने का काम करती है। इसी माह में पुलिस ने करीब 65 मोबाइल तलाश कर उनके मालिकों तक पहुंचाए थे। औसतन हर महीने इतने ही मोबाइल बरामद किए जाते और लौटाए जाते हैं। मोबाइल बरामद कैसे हुए सड़क पर पड़े मिले अथवा किसी व्यक्ति विशेष से बरामद किए गए इस बात की जानकारी कभी क्राइम ब्रांच अधिकारी आला अधिकारियों तक नहीं देते हैं। 


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