भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में कांग्रेस के लिए अपनों को साधना मुश्किल हो रहा है| निर्दलीय और अन्य पार्टियों के समर्थन से बनी सरकार में काम नहीं करा पाने और सरकार में उचित स्थान नहीं मिलने से कई विधायक नाराज हैं| बुधवार को बसपा विधायक रामबाई ने कमलनाथ सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए काम नहीं करा पाने और अधिकारियों के तबादले नहीं करा पाने की पीड़ा जाहिर की थी| वहीं कई विधायक शिलान्यास पट्टिका में नाम नहीं लिखे जाने से नाराज हैं| मंत्रियों के रवैये से नाराज 27 विधायकों ने क्लब बनाया है। यह सभी मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करेंगे|
दरअसल, सरकार बने दो माह हो गए हैं, जिसके बाद विधायकों की शिकायतें सामने आने लगी है| मंत्रियो के रवैये से विधायक नाराज हैं| विधायक दल की बैठक में भी विधायकों ने आवाज उठाई थी कि मंत्री उनकी सहमति के बिना ही तबादले कर रहे हैं| वहीं भूमिपूजन शिलान्यास कार्यक्रमों में भी विधायकों की उपेक्षा पर विधायक नाराज हैं| ऐसे 27 विधायकों ने क्लब बनाया है। इनकी राजधानी के एक होटल में बुधवार को बैठक हुई। वे गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलेंगे।
नाराज विधायकों का कहना है कि क्षेत्र में होने वाले कामों की शिलान्यास पट्टिका में उनका नाम नहीं लिखा जाता। बैठक में बसपा विधायक संजीव सिंह, रामबाई, सपा के राजेश शुक्ला, कांग्रेस के आरिफ मसूद, प्रवीण पाठक, संजय यादव, सिद्धार्थ कुशवाह, शशांक भार्गव, देवेंद्र पटेल, निलय डागा, जजपाल जग्गी सहित कई विधायक मौजूद थे।
मंत्री नहीं उठाते फोन
जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा ने एक बार फिर कमलनाथ सरकार के सामने बड़ी मांग रख दी है| उनका कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में उनकी सहमति लेकर ही तबादले किये जाएं| मंत्रियों के रवैये को लेकर भी विधायक ने नाराजगी जाहिर की है| विधायक अलावा का कहना है कि मंत्री फोन नहीं उठाते, विधायकों की सुनवाई नहीं होती है| ऐसे अन्य विधायक में हमारे संपर्क हैं जो मंत्रियों के इस रवैये से नाराज हैं| विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर इस विषय पर चर्चा करेंगे| अलावा ने कहा मंत्रियों के पास सभी विधायकों के नंबर होना चाहिए और विधायकों की समस्या को प्राथमिकता के साथ सुनी जाए|